भुंतर! मैला हो गया तेरा खोखण नाला

शहर की दुकानों और साथ लगती पंचायतों का कचरा ब्यास को कर रहा प्रदूषित

भुंतर— शहर का दूषित पानी और कचरा खोखण नाला के जरिए ब्यास के हवाले हो रहा है। सीवरेज कनेक्शन होने के बावजूद कारोबारियों और दुकानदारों का अधिकतर तरल कचरा ब्यास में घुल रहा है। सरकार ने नगर निकायों को सीवरेज व्यवस्था से जोड़ने की मुहिम चलाई है और इसी के तहत भुंतर को भी आईपीएच विभाग ने सीवरेज से जोड़ा है, बावजूद इसके शहर का पूरा तरल कचरा सीवरेज की बजाय ब्यास में जा रहा है। नगर पंचायत के साथ खोखण, शमशी, बड़ा भुईन, छोटा भुईन, शुरढ़ जैसी पंचायतों का कूड़ा-कर्कट नदी के पानी को दूषित कर रहा है। इन पंचायतों का दायरा भुंतर बाजार तक फैला है और कई दुकानें इनके अधीन हैं। यह दुकानें सीवरेज से नहीं जुड़ी हैं, जिस कारण इनका गंदला पानी ब्यास के हवाले किया जा रहा है। सबसे ज्यादा नाजुक हालात खोखण पंचायत के तहत आने वाले क्षेत्र की है। इस पंचायत का जो हिस्सा भुंतर बाजार में है, वहां बड़े पैमाने पर थुपका, मोमो की दुकानें और ढाबे आते हैं, जो रोजान तरल कचरा उत्पन्न करते हैं। यह पूरा कचरा खोखण नाला के सहारे भुंतर में छोड़ा जा रहा है। इसी तरह पारला में भी यही हाल है। नगर पंचायत क्षेत्र में भी कई दुकानदार ऐसे हैं, जो सीवरेज व्यवस्था से नहीं जुडे़ हैं और इनका कचरा भी सीधे ब्यास में जा रहा है। इसके अलावा भुंतर शहर में बड़े पैमाने पर दरिया किनारे डेरा जमाए प्रवासी भी ब्यास के पास गंदगी फैला रहे हैं। नगर पंचायत इन्हे कई बार नोटिस और अल्टीमेटम जारी कर चुकी है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।