लवी मेला…जगह बदली तो होगा विरोध
रामपुर बुशहर — अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के मुख्य व्यापारी खुंनू खांपा समुदाय व अन्य व्यापारियों ने एक आवाज में मेले के स्थान न बदलने को लेकर आवाज बुलंद की है। सभी व्यापारियों का कहना है कि यह मेला सदियों से पाटबंगला ग्राउंड में चला आ रहा है। यह मैदान बाद में यहां के कालेज को दिया गया है। ऐसे में जब से हाई कोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में गैर शैक्षणिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है, उसके बाद इस मेले के अस्तित्व पर ही संकट मंडरा गया है। व्यापारियों ने कहा कि यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा व्यपारिक मेला है जो तिब्बत के साथ हुई व्यापारिक संधि के कारण शुरू हुआ। ऐसे में अगर इस मेले के स्थान को लेकर चली आ रही पशोपेश अगर जल्द नहीं सुलझी तो यह व्यापारिक मेला संकट में चला जाएगा। खुंनू खांपा समुदाय की अध्यक्ष शांति देवी ने कहा कि 1986 में जब इस मेले को अंतरराष्ट्रीय मेले का दर्जा प्राप्त हुआ था, तब से पाटबंगला ग्राउंड में मेला लगता आ रहा है। किन्नौर मार्केट के अध्यक्ष मालनर ने कहा कि इस मेले की पूरे प्रदेश सहित अन्य देशों में भी पहचान है। सभी का एक पक्ष है कि इस मेले का स्थान न बदला जाए।
राज्यपाल-जिलाधीश को सौंपेंगे ज्ञापन
अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के व्यापारियों ने कहा कि वह इस संबंध में राज्यपाल व जिलाधीश को ज्ञापन सौंपेंगे, ताकि भविष्य में वह इस मेले के पक्ष में सख्ती से कोर्ट में अपना पक्ष रख सके। व्यापारियों ने कहा कि वह किसी भी हालात में मेले का स्थान बदलने के हक में नहीं होंगे। हर वर्ष की तरह मेला पाटबंगला ग्राउंड में ही लगना चाहिए।
इन्होंने जताया कड़ा विरोध
शांति देवी, टाशी, शांति, पुष्पा देवी, डोमा यांगजुग, देचेन यंकी, फुंजोग देचेन, छेरिंग दोरजे, काका, गुडडु, जगमोहन, पुष्पा देवी, धर्मवीर, विक्की, फूटी, शालू, शांति देवी, मालनर, संजीव नेगी, चंद्र सिंह, दोरजे, रमेश, गोपाल, छेरिंग, यशी, रमेश, प्यारे लाल, हीरा लाल, राम सिंह, चंद्रमोहन, भरत व देवी सिंह ने मेले का स्थान बदलने पर विरोध जताया है।
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