सऊदी में फिर दिखेगा सिनेमा

जिस सऊदी अरब की दुनिया भर में एक कट्टर देश की छवि थी, अब वही सऊदी अरब सॉफ्ट इस्लाम की ओर बढ़ रहा है। इस दिशा में हाल के समय में कई कडे़ व सराहनीय फैसले लिए गए और इसी कड़ी में अंतिम फैसला वहां सिनेमा पर कई दशक से जारी पाबंदी को हटाने का जुड़ा है…

सऊदी अरब में इन दिनों बदलाव की बयार बह रही है। जिस सऊदी अरब की दुनिया भर में एक कट्टर देश की छवि थी, अब वही सऊदी अरब सॉफ्ट इस्लाम की ओर बढ़ रहा है। इस दिशा में हाल के समय में कई कडे़ व सराहनीय फैसले लिए गए और इसी कड़ी में अंतिम फैसला वहां सिनेमा पर कई दशक से जारी पाबंदी को हटाने का जुड़ा है। दि गार्डियन के अनुसार सऊदी अरब ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान के सामाजिक सुधारों के तहत यह कदम उठाया है। सऊदी अरब के संस्कृति और सूचना मंत्रालय ने अपने एक वक्तव्य में कहा, ‘35 साल से ज्यादा समय बाद 2018 की शुरुआत में देश में व्यावसायिक सिनेमा के संचालन को मंजूरी दी जाएगी।’ मंत्रालय ने आगे कहा कि सरकार सिनेमा स्थलों के लिए तत्काल लाइसेंस देना शुरू कर देगी। सूचना मंत्री अव्वाद अलाव्वाद ने इस कदम को सऊदी अरब की सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था के विकास में ऐतिहासिक मोड़ बताया है। आज जब सोशल मीडिया के यू-ट्यूब सरीखे मंचों का आधार विस्तृत हो रहा है, सिनेमाई पाबंदियां बेमानी थीं। ऐसे में सऊदी अरब के लिहाज से यह एक सकारात्मक फैसला है। सऊदी अरब परंपरावादियों के विरोध के बावजूद विजन-2030 के तहत मनोरंजन को समाज में व्यापक बदलाव के उपकरण के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है। जनवरी में सऊदी अरब के सर्वोच्च मौलवी ने कहा था कि सिनेमा नैतिकता को भ्रष्ट कर देगा। पिछले एक साल में यहां महिलाओं को ड्राइविंग का हक मिला, मूवी-म्यूजिक फेस्टिवल जैसे कई अहम बदलाव हुए। सितंबर 2017 में सऊदी के 87वें स्थापना दिवस पर पहली बार महिलाओं को स्टेडियम में जाने की इजाजत मिली। सलमान की नीतियां और व्यवहार कई मायनों में सराहनीय हैं। कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वाले लोग उनसे सबक ले सकते हैं।