सरकार के सिर सजेगी बुशहरी टोपी

रामपुर पहुंचा 300 का आर्डर, मुख्यमंत्री सहित मंत्री-विधायक पहनेंगे

रामपुर बुशहर — मुख्यमंत्री के लिए जयराम ठाकुर का नाम तय होते ही अब जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री के सिर कौन सी और कहां से तैयार हुई टोपी सजेगी, यह अहम है। मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों और विधायकों के सिर पर बुशहरी टोपी सजेगी। शपथ ग्रहण समारोह के लिए रामपुर से बुशहरी टोपी लाई जाई जा रही है। दिलचस्प यह है कि सभी टोपियां मैहरून कलर की हैं। यानी भगवा सरकार में अब हरी टोपी का कोई काम नहीं होगा। टोपी का प्रचलन भले ही सदियों पुराना है, लेकिन कुछ वर्षों से इन टोपियों पर भी राजनीतिक रंग चढ़ गया है। अब तो स्थिति यह है कि हरी टोपी को सीधे तौर से कांग्रेस और मैहरून रंग की टोपी को भाजपा से जोड़कर देखा जाता है। जैसे ही प्रदेश में सरकार बदली है, वैसे ही मैहरून कलर की टोपी की डिमांड एकदम से बढ़ गई है। रामपुर में दर्जनों दुकानें हैं, जहां पर पहाड़ी टोपियां बनाई जाती हैं। उन्हीं में से एक एसके टेलर के पास करीब 200 से 300 टोपियों का आर्डर आया है। ये सभी टोपियां शिमला जानी हैं, जिन्हें विशेष तौर से भाजपा के शपथ ग्रहण समारोह के लिए बनाया गया है। यानी प्रदेश के मुख्यमंत्री के सिर जो टोपी सजेगी वह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के गृह क्षेत्र से जाएगी। एसके टेलर के संचालक रतन दास कश्यप का कहना है कि मैहरून कलर की टोपी की डिमांड बढ़ गई है, जबकि पहले हरी टोपी की डिमांड थी। पहाड़ी टोपी को बतौर सम्मान भेंट किया जाता है। शिमला में मिलने वाली टोपियां भी रामपुर में तैयार की जाती हैं।

टोपी की अलग पहचान

हरी टोपी को विशेष तौर से किन्नौर से जोड़कर देखा जाता है, जबकि मैहरून रंग की टोपी बुशहर से जोड़ी है, जबकि मल्टी कलर की टोपी कुल्लू से जोड़ी जाती है। अब तो स्थिति यह है कि अगर किसी कांग्रेस नेता को मैहरून टोपी पहना दी जाती है तो वह नेता नाराज हो जाता है। यही हाल भाजपा नेताओं का है।