सरहदों से 25 हजार फौजियों ने भर दी भाजपा की झोली

हमीरपुर – विधानसभा चुनावों में भाजपा की बंपर जीत में फौजी वोटर सबसे बड़ा फैक्टर साबित हुआ है। पोस्टल बैलेट पेपर से हिमाचल में पहुंचे 25 हजार फौजी वोट एकतरफा भाजपा की झोली में गए हैं। इसके चलते कई विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित हुई है और बढ़त के आंकड़े में वृद्धि हुई है। राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को बैलेट पेपर से पहुंचे मतों में बढ़त मिली है। सबसे ज्यादा फौजी कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और बिलासपुर में हैं। इन तीनों जिलों की कुल 30 सीटों में कांग्रेस को सिर्फ पांच सीटों पर जीत मिली है। हमीरपुर में भी फौजी वोटरों की एकतरफा वोटिंग से हारी हुई भाजपा की सीटों में बढ़त का अंतर कम हुआ है। सुबह आठ बजे वोटों की गिनती शुरू होने के समय तक पहुंचे बैलेट पेपर गणना में शामिल किए गए हैं। शाम तक घोषित नतीजों में 80 फीसदी फौजी वोट भाजपा के पक्ष में गया है। फौजियों की इस बंपर वोटिंग के पीछे मोदी मैजिक बड़ा कारण माना जा रहा है। पोस्टल बैलेट पेपर की एकतरफा वोटिंग से कांग्रेस भी आश्चर्यचकित हुई है। लिहाजा देश की सरहदों पर तैनात फौजी वोटर हिमाचल की सत्ता में सबसे बड़ा फैक्टर बने हैं। इस बार विधानसभा चुनावों में 65 फीसदी फौजी मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में आहूति डाली है। लोकसभा चुनावों के दौरान वर्ष 2014 में महज दो फीसदी फौजी वोटरों ने मतदान किया था। इससे पहले सर्विस इलेक्टोरल का सर्वाधिक मतदान सात फीसदी वर्ष 2012 के चुनावों में दर्ज हुआ है। जाहिर है कि सर्विस इलेक्टोरल के लिए इस दफा केंद्रीय चुनाव ने प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया था। इसके तहत केंद्रीय चुनाव आयोग ने विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कर फौजी मतदाताओं को ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की थी। इस नई प्रक्रिया के तहत फौजी मतदाताओं को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर वोटिंग के लिए आवेदन करना था। इस आधार पर चुनाव अधिकारी ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के तहत फौजी वोटरों को मतदान के लिए अधिकृत किया था। निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए बैलेट पेपर डाउनलोड कर फौजी मतदाताओं ने वोट कास्ट कर डाक प्रक्रिया से वापस भेजा था। अलग दो-दो लिफाफों में भेजे गए मतपत्रों के लिए क्यूआर कोड जारी किए गए। हर बैलेट पेपर के लिए चार से पांच क्यूआर कोड दिए गए थे। मतदान केंद्रों पर इंटरनेट की व्यवस्था से क्यूआर कोड के तहत बैलेट पेपर सत्यापित किए गए।

विधानसभा चुनाव 2017

इस बार 37 हजार 574 फौजी वोटरों ने वोटिंग के लिए आवेदन किया था। इसके तहत करीब 65 फीसदी मतदान के बीच 24 हजार 612 फौजी वोट गिनती में शामिल किए गए।

लोकसभा चुनाव 2014

वर्ष 2014 में आयोजित लोकसभा चुनावों के लिए 65 हजार 912 फौजी मतदाताओं के लिए बैलेट पेपर डाक प्रक्रिया से भेजे गए थे। बावजूद इसके महज 1203 सैन्य मतदाताओं ने इस दौरान मतदान कर सर्विस इलेक्टोरल की वोट प्रतिशतता दो फीसदी दर्ज करवाई थी।

विधानसभा चुनाव 2012

पिछले विधानसभा चुनावों में 74 हजार 542 फौजी मतदाताओं को डाक प्रक्रिया से बैलेट पेपर भेजे गए थे। मतदान के बाद सिर्फ 5125 फौजियों के बैलेट पेपर वापस मतगणना केंद्रों में पहुंचे थे। इसके चलते वर्ष 2012 के विस चुनावों में सर्विस इलेक्टोरल की वोट प्रतिशतता सात प्रतिशत रही थी।