सीबीआई आज पेश करेगी फाइनल रिपोर्ट

By: Dec 20th, 2017 12:15 am

कोटखाई गैंग रेप-मर्डर मिस्ट्री पर सबकी निगाहें, हाई कोर्ट ने 20 दिसंबर तक की दी थी डेडलाइन

शिमला – कोटखाई गैंग रेप व मर्डर मिस्ट्री मामले में सीबीआई बुधवार को फाइनल स्टेट्स रिपोर्ट पेश कर सकती है। हालांकि कयास यही है कि फिर से असल गुनहगारों को न पकड़ पाने के चलते जांच एजेंसी और समय मांग सकती है।  इस मामले को लेकर जनाक्रोश फिर भड़क  रहा है। बावजूद इसके कातिल अभी भी पकड़ से कोसों दूर दिख रहे हैं। प्रदेश उच्च न्यायालय ने देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को इस गुत्थी को सुलझाने के लिए 20 दिसंबर तक की डेडलाइन दे रखी है। अब तक सीबीआई ने 220 से भी ज्यादा डीएनए सैंपल लिए हैं, इनमें से पिछले एक हफ्ते के दौरान ही 12 से भी ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं। जिनकी अभी तक भी रिपोर्ट नहीं आ सकी है। चार जुलाई के बाद से कोटखाई के हलाइला क्षेत्र में मोबाइल टावरों का डंप डाटा भी खंगाला गया है। दावा यही है कि सीबीआई इस मामले में बड़ा खुलासा कर सकती है, मगर यदि जांच के विभिन्न पहलुओं पर नजर दौड़ाएं तो इन दावों में दम नहीं दिख रहा। क्योंकि असल अपराधी अभी तक भी पकड़ से बाहर बताए जा रहे हैं। यह मामला पुलिस जांच के बाद से ही उलझता गया। कई महत्त्वपूर्ण सुराग मिल ही नहीं सके। अबूझ पहेली अभी भी यही बनी है कि छात्रा की लाश जंगल में पड़ी रही और किसी ने देखी तक नहीं। सीबीआई ने अपने मनोविज्ञान विंग से भी इस पूरे घटनाक्रम को रि-क्रिएट करवाया है। निशाने पर सबसे ज्यादा रहे संदिग्धों से भी पूछताछ की गई है। इस पूरी एक्सरसाइज के बाद सीबीआई की तीनों टीमें गुपचुप जांच में लगी रही। रिपोर्ट तैयार तो हो रही है, मगर असल अपराधी ट्रेस नहीं हो पाए हैं। इसी के चलते जनाक्रोश फिर से उबाल मार रहा है।

…नहीं बता सकी एजेंसी

इस पूरे मामले में एसआईटी के अलावा साक्ष्य न जुटा पाने का जिम्मा और किसका था, इस बारे में जांच एजेंसी मौन है। जानकारों की राय में यदि इस पूरे मामले के विभिन्न पहलुओं पर नजर दौड़ाएं तो कई सरकारी एजेंसियां सवालों के घेरे में आती हैं। मगर अब तक एसआईटी ही पकड़ में आ सकी है, जिससे ये सवाल भी उठ रहे हैं कि सीबीआई ने अन्य एजेंसियों से पूछताछ करके उन्हें जवाबदेह क्यों नहीं बनाया।

एक अपराधी से जुड़े हैं तार

फोरेंसिक जांच के तहत एक ही अपराधी का डीएनए सीबीआई के हाथ लगा है। यदि जांच एजेंसी इस अपराधी तक पहुंच जाती है तो यह पूरा मामला परत-दर-परत खुलता जाएगा।

मोबाइल से मिले अहम सुराग

सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी को मोबाइल फोन बातचीत के जरिए कई महत्त्वपूर्ण सुराग भी मिले हैं। क्या इन्हीं की बिनाह पर जांच एजेंसी असल अपराधी को सार्वजनिक कर पाएगी, यह अभी भी तय नहीं हो पाया है। वरना सीबीआई 10 लाख का इनाम न रखती।

और समय तो नहीं मांगेगी

चर्चा यह भी है कि जांच एजेंसी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अब तक की प्रगति रिपोर्ट पेश करने के बाद महत्वपूर्ण सबूतों के आधार पर कुछ और समय भी मांग सकती है। क्या ऐसा होगा या नहीं यह आज मालूम होगा।


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