स्कूलों के वार्षिक समारोहों से नेता बाहर

नाहन – शिक्षा विभाग द्वारा हर वर्ष प्रदेश के सभी स्कूलों में वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह आयोजित किए जाते हैं। पहले यह समारोह फरवरी माह तक आयोजित किए जा सकते थे, लेकिन इस बार शिक्षा विभाग ने स्कूल के वार्षिक समारोह को दिसंबर माह में ही संपन्न करवाने के निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों के वार्षिक समारोह में अकसर राजनेताओं को बतौर मुख्यातिथि शामिल किया जाता था, लेकिन इस बार राजनेताओं को छोड़कर सरकारी अधिकारियों के अलावा समाज सेवियों को ही तरजीह मिल रही है। इस बार जहां आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते नेता इन वार्षिक समारोह में शिरकत नहीं कर रहे हैं। वहीं अन्य कई समस्याओं से भी शिक्षा विभाग को छुटकारा मिला है। एक तरह से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के चलते नेताओं को इस तरह के समारोह से किनारा करना मजबूरी बना हुआ है। अधिकतर देखा गया है कि वार्षिक समारोह में सत्ता पक्ष के नेता ही बतौर मुख्यातिथि होते हैं। यदि क्षेत्र में सत्ता पक्ष का नेता मौजूद नहीं हो तो सत्ता पक्ष के संबद्ध कोई अन्य पदाधिकारी नेता को मुख्यातिथि बनाया जाता है, लेकिन इस साल नेताओं और उनके पदाधिकारियों से आदर्श चुनाव आचार संहिता ने यह मौका छीन लिया है। जिला भर के सरकारी स्कूलों में धूमधाम से वार्षिक समारोह का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन नेता कहीं भी इन समारोह में दिखाई नहीं दे रहे हैं। बता दें कि 13 अक्तूबर को प्रदेश में विधानसभा चुनावों के चलते आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी गई थी। 16 अक्तूबर को चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। नौ नवंबर को मतदान करवाया गया, वहीं 18 दिसंबर का दिन मतगणना के लिए निर्धारित किया गया है। मतगणना के दिन तक चुनाव आचार संहिता लागू रहेगी। सत्ता में आने वाले नेताओं को स्कूलों के वार्षिक समारोह में शिरकत करने का मौका मिल पाएगा। इस बारे में शिक्षा उपनिदेशक एलिमेंटरी सिरमौर दलीप सिंह नेगी ने कहा कि स्कूल में वार्षिक समारोह कार्यक्रम में मुख्यातिथि का चयन करना स्कूल मुखिया पर निर्भर होता है।