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कपिल देव : जन्मदिन 6 जनवरी

कपिल देव का जन्म 6 जनवरी, 1959  में हुआ। भारत के प्रथम क्रिकेट विश्व कप विजेता दल के कप्तान एवं सफलतम हरफनमौला खिलाड़ी हैं। कपिल देव का खेल और उनके आंकड़े इस बात के प्रमाण हैं। भारत के इस प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी का जन्म एक लकड़ी व्यापारी के यहां हरियाणा में हुआ था। कपिल देव ने सन् 1975 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में प्रवेश किया। वे विस्डेन द्वारा वर्ष 2002 में ‘सदी के भारतीय क्रिकेटर’ चुने गए। वह 10 माह के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के प्रशिक्षक भी रहे।

सफलतम हरफनमौला

कपिल देव ने सन् 1978 में पाकिस्तान में प्रथम टेस्ट मैच खेला। कपिल देव गेंद को सही दिशा देने में माहिर थे। भारतीय क्रिकेट दल में मध्यम तीव्र गति के गेंदबाजी की कमी को उन्होंने बहुत हद तक दूर कर दिया था। कपिल अपनी प्रभावशाली मध्यम गति की गेंदबाजी और बल्लेबाजी से विश्व के सफलतम हरफनमौला (आलराउंडर) बने। कपिल देव इंग्लैंड के क्रिकेट खिलाड़ी इयान बॉथम के बाद विश्व के ऐसे दूसरे आलराउंडर हैं जिन्होंने 83 मैचों में 300 विकेट लेकर तथा 3000 से अधिक रन बनाकर दोहरी सफलता प्राप्त की है।

आलराउंडर खिलाड़ी

क्रिकेट के इतिहास में महान आलराउंडर के रूप में कपिल देव का नाम जाना जाता है । उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बन कर टीम को अनेक बार विजय दिलाई । 1983 में वर्ल्ड कप जीतकर उनके नेतृत्व में टीम ने इतिहास रच डाला । उसके तीन वर्ष बाद उनकी कप्तानी में इग्लैंड में भारत ने सीरीज जीती। 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले कैमरे के सामने कपिल देव, सचिन तेंदुलकर और मोहम्मद अजहरुद्दीन

कीर्तिमान

कपिल देव ने 20 वर्ष की उम्र में ही एक हजार बनाने तथा 100 विकेट लेने का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह कीर्तिमान केवल एक साल और 109 दिन में ही बना है।

विश्व विजेता भारत

भारतीय क्रिकेट टीम को सन् 1983 में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शृंखला में विश्व विजेता बनाने का श्रेय कपिल देव को है। विश्व कप में उनके द्वारा बनाए गए 175 रनों की ऐतिहासिक पारी क्रिकेट जगत् में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो गई।

आत्मकथा

अपनी आत्मकथा ‘बाई गॉड्स डिक्री’ में उन्होंने भारतीय क्रिकेट और अपने जीवन के बारे में स्पष्ट लिखा है कि मैंने एक लकड़ी व्यापारी के यहां जन्म लिया। 13 वर्ष की उम्र के पहले मैंने क्रिकेट नहीं खेली। यह उस समय हुआ, जब सेक्टर 16 की टीम में एक खिलाड़ी की कमी हो गई और मुझे शामिल कर लिया गया। यह केवल एक अवसर था। उनका विचार है कि जीतने के लिए खेलो। आक्रमण करो,रन बनाओं और विकेट लो। कभी प्रयत्न करना बंद मत करो। बस वह दिन ही मेरी किस्मत खोल गया।