हरिपुर-गुलेर पंचायतों ने छोड़ी खेती

हरिपुर – उपमंडल देहरा के अंतर्गत हरिपुर, गुलेर  व आसपास की पंचायतों के लोगों ने आवारा पशुओं, जंगली जानवरों व् बंदरों के आतंक के कारण खेती करना छोड़ दी है। लोगों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों से इलाके में फसल की पैदावार घटती जा रही है, जितने पैसे वह फसल बीजने, काटने व  बाढ़ लगाने पर खर्च करते हैं, उससे कम पैसों से पूरे साल के लिए राशन आ जाता, उन्हें पूरा दिन फसल की रक्षा बंदरों, आवारा जानवरों से तो रात में जंगली जानवरों से करनी पड़ती है। वह दिन-रात ठीकरी पहरा करने पर मजबूर हो गए हैं। इस कारण मुसीबतों से बचने के लिए उन्होंने खेती करनी छोड़ दी है तथा दिहाड़ी-मजदूरी करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि इलाके में बंदरों के काटने के कई मामले हो चुके हैं।  बड़े-बड़े बंदर लोगों से जरा भी नहीं डरते हैं। फसल को उखाड़ कर फेंक देते हैं तथा डराने पर उलटा हमला करते हैं, वहीं बेसहारा पशु व् जंगली जानवर बाड़ को उखाड़ फेंकते हैं और फसल को तहस-नहस कर देते हैं।

किसानों को नई सरकार से आस

लोगों को आस है कि आने वाली नई  सरकार इस विकराल होती जा रही समस्या के हल का कोई उचित उपाय निकालेगी, अन्यथा आने वाले कुछ वर्षों में इलाके में खेती कोई नहीं करेगा।