हिमाचल को 42 लाख यूनिट बिजली और

By: Dec 2nd, 2017 12:40 am

पड़ोसी राज्यों से वापस ली जा रही आपूर्ति बढ़ाई, कमी से जूझ रहे प्रदेश को राहत

शिमला – प्रदेश को पड़ोसी राज्यों से बिजली की आपूर्ति की मात्रा शुक्रवार से बढ़ा दी गई है। इससे आने वाले दिनों में प्रदेश को कुछ हद तक राहत मिल सकेगी। पहाड़ों में ठंड बढ़ने से बिजली की खासी कमी हो चुकी है। जानने योग्य है कि प्रदेश में बिजली बोर्ड का अपना उत्पादन केवल 25 लाख यूनिट रोजाना का रह गया है। प्रदेश को पड़ोसी राज्यों से मदद मिल रही है, जिन्होंने शुक्रवार को 42 लाख यूनिट की आपूर्ति बढ़ा दी है। इससे बिजली बोर्ड को राहत मिली है और अब स्थिति यह है कि मांग के अनुरूप उपलब्धता ज्यादा हो गई है। राज्य को 270 लाख यूनिट रोजाना बिजली चाहिए, जिसके विपरीत यहां 275 लाख यूनिट बिजली की उपलब्धता है। शुक्रवार से ही स्थिति बदली है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली राज्यों को गर्मियों के मौसम में जो बिजली हिमाचल ने दी थी, उसे वापस लिया जा रहा है। बैंकिंग प्रणाली के माध्यम से यह बिजली प्रदेश को मिल रही है, जो कि मार्च तक जारी रहेगी। जरूरत के अनुसार पड़ोसी राज्य 15 दिन में यह अनुपात और बढ़ा सकते हैं। बैंकिंग प्रणाली में पहले कुल 82 लाख यूनिट बिजली रोजाना आ रही थी, जिसमें अब 42 लाख यूनिट का इजाफा किया गया है। बोर्ड का अपना उत्पादन 25 लाख यूनिट रह गया है, जबकि स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों से बोर्ड को रोजाना 30 लाख यूनिट बिजली हासिल हो रही है। यानी छोटी-बड़ी सभी परियोजनाओं में बिजली का उत्पादन कम हो चुका है।

91 लाख यूनिट का सेंट्रल शेयर

बोर्ड के पास 91 लाख यूनिट का सेंट्रल शेयर है, जिसमें केंद्रीय उपक्रमों की परियोजनाओं की बिजली शामिल है। इनकी बिजली भी सर्दियों में बिजली बोर्ड को ही मिल रही है। कुल मिलाकर फिलहाल तो बोर्ड के पास उतनी बिजली मौजूद है, जिसकी राज्य को जरूरत है। फिलहाल कहीं भी बिजली के कट नहीं लगाए जा रहे और जहां कहीं भी बिजली गुल हो रही है, वह केवल स्थानीय फॉल्ट की वजह से है। ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां बोर्ड मरम्मत के कार्य कर रहा है, जिस कारण लोगों को वहां बिजली कट सहना पड़ रहा है।


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