12 साल में एक बार भी नहीं चला सोलर पैनल

टीएमसी — डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा अस्पताल में सर्दियों में मरीजों को गर्म पानी की सुविधा मुहैया करवाने के लिए लगाया गया सोलर पैनल इस बार भी नहीं चल सका। पिछली सर्दियों में टीएमसी प्रशासन की ओर से कहा गया था कि इसे जल्द ही ठीक करवा दिया जाएगा। पीडब्ल्यूडी ने भी उस वक्त कहा था कि हिम ऊर्जा के इंजीनियरों से इसे ठीक करवा जा रहा है। यह भी कहा गया था कि यदि सोलर पैनल ठीक नहीं होता है तो वार्डों में मरीजों को गर्म पानी मुहैया करवाने के लिए गीजर लगवा दिए जाएंगे। लेकिन आज तक न तो सोलर पैनल ठीक हो सका न ही वार्डों में गीजर लगे। सूत्र बताते हैं कि कुछ प्रावइेट वार्डों में गीजर की व्यवस्था की गई है। वर्ष 2005 में एक निजी कंपनी द्वारा फिट किए गए इस सोलर पैनल का अस्पताल एक बार भी इस्तेमाल नहीं कर पाया, जबकि इस पर 54 लाख रुपए खर्च हुए थे। अस्पताल की छत पर लगाए गए इस सोलर पैनल को देखकर तो लगता है कि इसे कालेज प्रशासन भूल ही गया है। वरना  लाखों के इस प्रोजेक्ट को यूं इस तरह अनदेखा न किया जाता। अस्पताल के सूत्र बताते हैं कि पीडब्ल्यूडी ने इस ठीक करवाने के लिए इंजीनियर भी बुलाए थे। 10 लाख रुपए इस पर अतिरिक्त खर्च किए गए, लेकिन इसमें पानी गर्म नहीं हो सका। अब इस मामले में कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। 10 हजार लीटर पानी गर्म करने की क्षमता रखने वाला यह सोलर पैनल अगर काम करता तो वार्डों में दाखिल सैकड़ों मरीजों समेत अन्य लोगों को इसका लाभ मिलना था। 12 साल में इस सोलर पैनल का एक बार भी इस्तेमाल न होना अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है।

पैसे देकर पानी गर्म करवा रहे लोग

चंबा से आई सरोज, कृष्णा, बाबूराम, हमीरपुर के संजय, सरिता, माया और जोगिंद्रनगर के बालकराम आदि ने बताया कि इस ठंड में अगर मरीज के हाथ-पांव या मुंह ही धुलाना हो तो बाहर जाकर पैसे देकर पानी गर्म करवाना पड़ता है। थर्मस न हो तो वार्ड तक पहुंचते-पहुंचते यह ठंडा हो जाता है।

मरीजों को मिले सुविधा

नॉन गजेटिड ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष साहिब सिंह राणा का कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने सालों में इस सोलर पैनल का इस्तेमाल हीं नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि अगर लाखों रुपए खर्च कर इसे लगाया गया है तो मरीजों को इसकी सुविधा मिलनी चाहिए।