850 किलोमीटर सफर कर घर पहुंच रहे लोग

केलांग — रोहतांग दर्रा बंद होने के बाद अपने घर जाने व परिवार से मिलने के लिए बेताव लाहुल स्पीति के लोग 850 किलोमीटर दूर का सफर करके घर पहुंच रहे हैं। पांगी, किलाड़, किश्तवाड़ वाया जम्मू मार्ग खुल जाने के बाद अब लोग मनाली से पठानकोट जम्मू कश्मीर होकर लाहुल पहुंच रहे हैं। लिहाजा, जहां एक तरफ 13,500 फुट रोहतांग विशाल बर्फीले चट्टान में परिवर्तित हो चुका है और इसको लांघ कर लाहुल-स्पीति पहुंचना फिलहाल अप्रैल माह तक संभव नहीं है। वहीं दूसरी ओर लाहुल स्पीति के लिए जीवनदायिनी माना जाने वाली रोहतांग टनल का कार्य भी प्रगति पर है और सिर्फ  आपातकालीन परिस्तिथियों में ही वाहनों की आवाजाही का विकल्प है। तो ऐसे में जनजातीय जिला के लोगों के लिए एकमात्र वाहन योग्य विकल्प रास्ता जम्मू किश्तवाड़ यातायात के लिए खुला है और बहुत से यात्री टैक्सी के जरिय लाहुल घाटी में प्रवेश कर रहे हैं। लाहुल घाटी के कई लोगों ने कुल्लू मनाली में भी मकान बना रखे हैं और अधिकतर लोग जिला से बाहर सर्दियों में अपने कुल्लू.मनाली के घरों में रहते हैं और अपने बच्चों की पढ़ाई व परवरिश करते हैं। वहीं दूसरी तरफ  अधिकतर लोग कुल्लू-मनाली के विभिन्न विभागों में कार्यरत भी हैं, लेकिन हाल ही में हुई बर्फबारी के चलते रोहतांग दर्रा बंद हो गया। इस कारण यहां के स्थानीय निवासी अब जम्मू बाया किश्तवाड़ होकर कुल्लू.मनाली पहुंच रहे हैं। यह मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बहाल है। थिरोट से गुलाबगढ़ तक सड़क मार्ग की दशा ठीक न होने से मार्ग काफी जोखिम भरा भी है और थकान पैदा करने वाला भी है मगर लोगों की आवाजाही घाटी के लिए हो रही है। सामरिक महत्त्व से मनाली, रोहतांग, लेह मार्ग बर्फबारी के चलते वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। लिहाजा, इन दिनों जरूरतमंद लोग छोटे वाहनों की बुकिंग कर लाहुल से मनाली व मनाली से लाहुल घाटी पहुंच रहे हैं। लाहुल से जम्मू मार्ग होते हुए मनाली तक पहुंचने में उदयपुर से किलाड़, गुलाबगढ़, किशतवाड़ से आगे पटनी टाप क्रास करने के बाद उदयपुर.माधवपूर होते हुए पठानकोट के रास्ते मनाली तक तकरीबन 850 किलोमीटर तक का सफर कर लाहुल से मनाली पहुंच रहे हैं और मनाली से लाहुल, जम्मू किश्तवाड़ मार्ग व स्पीति के लिए मनाली नारकंडा और किन्नौर से होते हुए पहुंच रहे हैं।