अभी सलाखों में ही रहेंगे जैदी

कोटखाई गैंगरेप-मर्डर मिस्ट्री : हाई कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी

शिमला— कोटखाई छात्रा गैंगरेप-मर्डर प्रकरण से जुड़े लॉकअप हत्या मामले में गिरफ्तार आईजी जहूर जैदी को जेल में ही रहना पड़ेगा। जैदी ने हाई कोर्ट में जमानत अर्जी लगाई थी, जो खारिज हो गई है। हाई कोर्ट के इस फैसले से आईजी जैदी को बड़ा झटका लगा है। प्रदेश हाई कोर्ट ने आईजी जहूर जैदी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। शुक्रवार को जैदी की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया। जैदी ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगा रखी थी। हाई कोर्ट में जस्टिस संदीप शर्मा की अदालत में जमानत दो जनवरी को लगी थी, तब अदालत में इसको लेकर रिकार्ड रखा गया था। इसके बाद 12 जनवरी को हाई कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई थी और अदालत ने तब जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था। शुक्रवार को अदालत में इस पर सुनवाई हुई और फैसला सुनाते हुए यह याचिका खारिज कर दी गई। इससे पहले निचली अदालत आईजी जहूर जैदी की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। इसके बाद ही जैदी ने हाई कोर्ट में इसकी अर्जी लगाई थी। पुलिस लॉकअप हत्या मामले में गिरफ्तार आईजी जैदी के लिए यह बड़ा झटका है, ऐसे में अब जैदी को जेल में ही रहना पड़ेगा। पुलिस लॉकअप हत्या मामले में सीबीआई ने 29 अगस्त को आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, एचएससी सूरत सिंह, मोहन लाल, रफीक अली, रणजीत सरेटा को गिरफ्तार किया था। कुछ समय तक सीबीआई रिमांड पर रहने के बाद सात सितंबर से ये सभी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। कोटखाई छात्रा गैंगरेप-मर्डर मामले में पुलिस के विशेष जांच दल ने एक स्थानीय युवक और पांच मजदूरों को 13 जुलाई को गिरफ्तार किया था। जांच दल के मुखिया आईजी जहूर जैदी थे। इनमें से एक आरोपी सूरज की 18 जुलाई को कोटखाई पुलिस थाने की लॉकअप में हत्या कर दी गई। हालांकि पुलिस सूरज की हत्या के आरोप में उसके साथी राजू को नामजद किया था, लेकिन सीबीआई जांच में सामने आया कि सूरज की मौत पुलिस के टार्चर से हुई है। सीबीआई आईजी सहित आठ पुलिस कर्मियों को 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था। सीबीआई इनके खिलाफ 25 नवंबर को अदालत में चालान पेश कर चुकी है। 16 नवंबर को पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को भी गिरफ्तार किया गया था, वह भी अभी न्यायिक में हिरासत में चल रहे हैं।