आईजीएमसी में हीमोफीलिया का फ्री इलाज

शिमला – प्रदेश के  दो बडे़ अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज व टांडा मेडिकल कालेज में हीमोफिलिया के फ्री इलाज की सुविधा मरीजों को उपलब्ध करवाई गई है। एक महीने पहले शुरू  हुई अस्पताल में निःशुल्क इलाज की सुविधा अभी तक मरीज नहीं ले पाए थे, लेकिन गुरुवार को पहली बार आईजीएमसी अस्पताल में सोलन जिला से  एक परिवार अस्पताल पहुंचा और  उन्होंने आईजीएमसी में हीमोफिलिया के इलाज की सुविधा ली। जानकारी के अनुसार एक ही परिवार के दो सदस्य इस बीमारी से ग्रसित है। आठ साल के शिवम कुमार व 28 वर्षीय संजय ठाकुर को अस्पताल में फ्री इलाज मिल रहा है। शिवम ठाकुर के पिता प्रदीप कुमार ने बताया कि उनके बेटे का पीजीआई में इलाज चल रहा था। वहीं, आठ वर्षीय उनके बेटे को 6000 का एक ही इंजेक्शन लगता है, लेकिन आईजीएमसी में फ्री में मिल रहे हीमोफिलिया इलाज से काफी राहत मिली है। वहीं, जरूरतमद लोगों के लिए यह और भी फायदेमंद होगी। जानकारी के अनुसार हीमोफिलिया का इलाज काफी महंगा मरीजों के लिए पड़ता है। प्रदेश में सिर्फ आईजीएमसी व टांडा अस्पतालों में इसका फ्री इलाज मिल रहा है।

6000 से 15000 तक एक इंजेक्शन

हीमोफिलिया बीमारी छोटे बच्चों से लेकर किसी उम्र में भी हो सकती है। बीमारी के दौरान रक्तस्त्राव होता है। हीमोफिलिया की बीमारी का इलाज काफी महंगा चलता है। जानकारी के अनुसार हीमोफिलिया का एक ही इंजेक्शन 6000 से 15000 तक या इससे भी महंगा होता है। उम्र व वेट के हिसाब से इसका इंजेक्शन लगता है। वहीं, इंजैक्शन का असर भी केवल आठ घंटे तक ही रहता है।  इस तरह से हर आठ घंटे बाद दूसरा इंजेक्शन लगाना पड़ता है। प्रदेश के दो बड़े अस्पतालों हीमोफिलिया के फ्री इलाज से मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

जिला अस्पतालों में भी होनी चाहिए यह सुविधा

सोलन जिला से अपने बेटे व साले का इलाज करवाने के लिए आईजीएमसी पहुंचे प्रदीप ठाकुर का कहना है कि प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग को हीमोफिलिया का इलाज जोनल अस्पतालो ंमें भी फ्री कर देना चाहिए।  उनका कहना है कि हीमोफिलिया के मरीज को इतनी दूर लाना बहुत मुश्किल हो जाता है।