आर्थिक सुधारों से जीडीपी सुस्त

सरकार के बचाव में नीति आयोग; कहा, मनमोहन के आर्थिक सुधार में गिरी थी 1.1 फीसदी

नई दिल्ली — केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े में भारत का जीडीपी अनुमान चालू वित्त वर्ष में 6.5 रखी गई। सरकार के लिए यह आंकड़े सिरदर्द साबित हो रही है। यह पिछले चार वर्ष का सबसे कम ग्रोथ रेट बताया जा रहा है। आंकड़े को लेकर कई अर्थशास्त्रियों व राजनेताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उधर, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि मनमोहन सिंह ने 1991-92 जब आर्थिक सुधारों की घोषणा की थी, तब विकास दर 1.1 तक गिर गई थी। राजीव कुमार ने इस बात का जिक्र किया है कि पिछली तीन तिमाही से आर्थिक गतिविधि जोर पकड़ी है और आगामी अवधि में और मजबूती आ सकती है, क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर इंडेक्स (पीएमआई) अभी पांच साल के ऊंचे स्तर 54 फीसदी पर है और एफएमसीजी क्षेत्र में मांग तेजी से बढ़ रही है। विकास दर को लेकर भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि भारत का विकास दर 7.1 प्रतिशत थी। अब यह गिरकर 6.5 प्रतिशत हो गई। अगर भारत से गरीबी दूर करना चाहते हैं तो देश का विकास दर कम से कम दस प्रतिशत रहनी चाहिए।