निर्देशक : अक्षत वर्मा
संगीतकार : राम सम्पत
कलाकार : सैफ अली खान, अक्षय ओबेराय, कुनाल रॉय कपूर, दीपक डोबरियाल
दिव्य हिमाचल : रेटिंग ***/5
फिल्म कालाकांडी उन व्यक्तियों के ईद- गिर्द घूमने वाली कहानी है, जिन्हें पता है उनकी जिंदगी चंद दिनों की मेहमान हैं पर जो जिंदगी उनके पास है उसमें अच्छे- बुरे सारे काम करना चाहते हैं। फिल्म में जब एक नौजवान (सैफ) को पता चलता है कि उसे कैंसर है तो उसके पैरों तले जमीन खिसक जाती है, लेकिन अपनी बीमारी को भुलाकार कॉमेडी की है ऐसा लगता है जिदंगी इसी का नाम है तो एक टूटे हुए इनसान को इस तरह से हंसते हुए देखना अच्छा लगता है कि कैसे एक इनसान बंधनों से मुक्त होना चाहता है। आप फिल्म में किसी इनसान के दर्द और काफी कुछ खो देने की बेबसी को समझ सकते हैं। कहानी में दीपक डोबरियाल और विजय राज की एंट्री होती है, जिनके दिमाग में बस एक ही बात होती है पैसा कमाने का लालच। उसके बाद तीनों एक दूसरे के जीवन में ऐसा भूचाल लाते हैं और साथ में फंस जाते हैं। कालाकांडी में सैफ अली खान इस बार बड़े ही अलग अंदाज में डिफरेंट गेटअप के साथ दिखाई दे रहे हैं। सैफ का यह रोमांचक लुक लोगों को काफी भा रहा है। फिल्म में सैफ का अजीब हेयरस्टाइल है और उनका पीले फर वाला लुक फिल्म को देखने के लिए जिज्ञासा पैदा करता है। फिल्म कालाकांडी की कहानी को लिखने के बाद अक्षत वर्मा ने मुंबई पर केंद्रित किया जो दर्शकों को काफी आकर्षित करती है। फिल्म ‘कालाकांडी’ में मनोरंजन के लिए गाली- गलौच भी किया गया है। आप इस फिल्म में सैफ अली एक सफलता के तौर पर देखे जा सकते हैं। फिल्म में सैफ और नैरी सिंह के बीच एक गर्मजोशी भरा बांड दिखता है जो भारतीय सिनेमा में समलैंगिग संबंधों को ऐतिहासिक कहा जा सकता है। यह दोनों किरदार फिल्म में गर्मजोशी से भरे और छिपे हुए नजर आते हैं, जिससे पता चलता है कि हमारे यहां सेक्शुयलिटी इतना ओवर-रेटेड क्यों है और दिखता है कि मानव समाज में कितनी असमानता और यह सामाजिक नियमों का अतिक्रमण करता है। अक्षय ओबरॉय का किरदार भी काफी महत्त्वपूर्ण है। सैफ अली खान की तारीफ की जानी चाहिए आप फिल्म को शुरू से देखेंगे को आपकी अच्छी लगेगी अगर आप आधी फिल्म देखेंगे, तो आपको मजा नहीं आएगा। आप फिल्म को देख सकते हैं कि कैसे हम अपने दर्दाें को भुलाकर भी एक मस्ती वाली जिंदगी जी सकते हैं।