एक खरब का विनिवेश

By: Jan 29th, 2018 12:08 am

राजकोषीय घाटा कम करने के लिए सरकारी संपत्तियां बेचकर फंड जुटाएगा केंद्र

नई दिल्ली— राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार 15.7 अरब डालर यानी एक खरब रुपए की रकम सरकारी संपत्तियों को बेचकर जुटा सकती है। सरकार की ओर से राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने और आम चुनाव से पहले सामाजिक योजनाओं में बड़े पैमाने पर खर्च कर मतदाताओं को लुभाने के लिए ऐसा कदम उठाया जा सकता है। इन्वेस्टमेंट बैंकर्स और अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि इस साल बड़े पैमाने पर विनिवेश करने के बाद अरुण जेटली की ओर से पहली अप्रैल से शुरू हो रहे नए फाइनांशल इयर में भी बड़े पैमाने पर विनिवेश का लक्ष्य रखा जा सकता है। सरकारी रिफाइनिंग कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम एंड कारपोरेशन लिमिटेड के 51 पर्सेंट शेयरों को ओएनजीसी द्वारा खरीदने समेत तमाम विनिवेश समझौतों से सरकार ने इस साल 925 अरब रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। हाल ही में ओएनजीसी ने 369 रुपए में एचपीसीएल के शेयरों को खरीदने पर सहमति जताई है। उम्मीद की जा रही है कि ओएनजीसी और एचपीसीएल के बीच डील इस महीने के अंत तक पूरी हो जाएगी। इस डील के चलते सरकार को बजट तक विनिवेश के जरिए 725 अरब रुपये जुटाने में मदद मिलेगी। बीते आठ सालों में यह पहला मौका होगा, जब भारत विनिवेश के अपने लक्ष्य से आगे निकल जाएगा। जीएसटी लागू होने के बाद से टैक्स कलेक्शन में कमी होने के चलते सरकार ने इस फाइनांशल इयर में सरकारी कंपनियों में विनिवेश की गति को बढ़ा दिया है। सरकार ने इस साल के लिए राजकोषीय घाटे को कुल जीडीपी के 3.2 फीसदी तक सीमित रखने का लक्ष्य लिया है। इसके अलावा अगले साल के लिए यह टारगेट तीन फीसदी का ही रखा गया है। एक सरकारी अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि फाइनांशल इयर 2018-19 के लिए सरकार 600 से 700 अरब रुपये तक का विनिवेश लक्ष्य तय कर सकती है। सिटी ग्रुप और डोएचे बैंक का अनुमान है कि यह आंकड़ा एक खरब रुपए तक भी जा सकता है।


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