एक साल से ओपीजी मशीन खराब

 शिमला— प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के दावों की पोल खुल गई है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में ही जब मरीजों को सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो दूसरे अस्पतालों से क्या उम्मीद की जा सकती है। आईजीएमसी के डेंटल अस्पताल में पिछले एक साल से ओपीजी मशीन ठीक नहीं है, जिसकी सबसे जरूरत होती है। एक साल से अस्पताल की ओपीजी मशीन खराब पड़ी है। मशीन को ठीक करवाने या फिर नई मशीन को खरीदने के लिए कोई जद्दोजहद प्रशासन द्वारा नहीं उठाई जा रही है। हैरानी की बात है कि डेंटल अस्पताल का प्रशासन ओपीजी एक्स-रे मशीन को लेकर केवल यही बात कहता है कि मशीन को खरीदने का प्रोसेस चला हुआ है।कुछ महीनों पहले भी यही जवाब डेंटल विभाग की ओर से दिया गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि एक साल से मशीन खराब को ठीक करवाने व नई मशीन खरीदने को टेंडर करने के लिए कितने महीने चाहिए। इस तरह से मरीजों को इलाज से वंचित रहना पड़ेगा। इस तरह के कई सवालिया निशान स्वास्थ्य विभाग की कार्य प्रणाली पर आम जनता द्वारा उठाए जाते है। उल्लेखनीय है कि डेंटल अस्पताल में ओपीजी मशीन काफी अहम होती है। इस मशीन से दांतों के बड़े-बड़े एक्स-रे किए जाते हैं। वहीं टेढे़-मेढे़ दांतों को भी इसी मशीन से ठीक किया जाता है।

ठियोग से आई प्राचिता मायूस होकर लौटी

ठियोग से दांतों की ओपीजी करवाने आई प्राचिता को मायूस होकर लौटना पड़ा। उनका कहना है कि वह पिछले छह महीने से अस्पताल के चक्कर काट रही है, लेकिन बार-बार अस्पताल में चिकित्सकों की ओर से यही कहा जाता है कि कुछ समय बाद आना अभी मशीन खराब है, इलाज नहीं हो पाएगा।

अन्य अस्पतालों में मशीन उपलब्ध नहीं

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में ओपीजी मशीन उपलब्ध नहीं है। इस तरह से अगर प्रदेश के मरीजों को दांतों की ओपीजी करवानी हो तो निजी क्लीनिकों या फिर चंडीगढ़ पीजीआई में जाना पड़ता है। इसी के मद्देनजर आईजीएमसी के डेंटल अस्पताल में ओपीजी मशीन का होना आवश्यक है।