एमसीएच के दो करोड़ लौटाए पीडब्ल्यूडी

सुंदरनगर में बनने वाले मातृ-शिशु अस्पताल की डीपीआर लटकने पर स्वास्थ्य विभाग तल्ख

मंडी— सुंदरनगर में बनने वाले मातृ-शिशु अस्पताल पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। मातृ-शिशु अस्पताल की डीपीआर व निर्माण का जिम्मा संभालने वाले पीडब्ल्यूडी से स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गई रकम वापस करने को कहा है। दरअसल 2015 में सुंदरनगर में बनने वाले मातृ-शिशु अस्पताल के लिए मंजूरी मिल गई थी। इसके बाद करीब 12 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार से स्वास्थ्य विभाग को जारी की गई, लेकिन इतने लंबे समय के बाद भी अभी तक इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तक फाइनल नहीं हो पाई है। इसके चलते अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीडब्ल्यूडी से दिए गए पैसे लौटाने को कहा गया है। जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी को शुरुआती तौर पर करीब दो करोड़ रुपए की राशि जारी की गई थी, लेकिन इतने लंबे समय बाद भी काम कछुआ चाल से चलने के कारण अब रकम वापस मांगी जा रही है। जिला में गायनी विभाग में बढ़ते दबाव के चलते सीएमओ मंडी डा. डीआर शर्मा ने सुंदरनगर के लिए मातृ-शिशु अस्पताल की प्रोपोजल तैयार की थी। 2015 में इसकी मंजूरी मिलने के बाद इसके लिए करीब 12 करोड़ रुपए भी केंद्र से जारी हो चुके हैं, लेकिन अभी तक प्रोजेक्ट की नींव तक नहीं रखी जा सकी है। सुंदरनगर में बनने वाला मातृ-शिशु अस्पताल 50 बिस्तर का रहेगा, जिससे बल्ह, सुंदरनगर, सराज, करसोग, नाचन के लोगों को काफी ज्यादा सहूलियत मिलेगी। केंद्र से मिला इतना बड़ा प्रोजेक्ट स्वास्थ्य विभाग और पीडब्ल्यूडी के बीच ही उलझ कर रह गया है।

 प्रोजेक्ट के लिए 12 करोड़ मंजूर

सुंदरनगर मातृ-शिशु अस्पताल पीडब्ल्यूडी ने डीपीआर में ही उलझा दिया है। प्रोजेक्ट के लिए करीब 12 करोड़ रुपए की राशि मंजूर हुई है, लेकिन विभाग ने डीपीआर ही बजट से ज्यादा की बना दी। यह एक बार नहीं दो-दो बार हुआ और प्रोजेक्ट अधर में लटक गया।

कौन तय करेगा जवाबदेही

पीडब्ल्यूडी को दिए गए प्रोजेक्ट का यह पहला मामला नहीं है, जहां देरी हो रही हो, यह सिलसिला पुराना है। ऐसे में साफ है कि सरकारी विभाग प्रोजेक्ट के टाइम बाउंड को लेकर कितने गंभीर हैं। अब पीडब्ल्यूडी के हाथ से प्रोजेक्ट छिटकता है, तो इसके लिए किसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी, यह देखने की बात होगी।