और निखरेगी लाहुली मटर की चमक
कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने वैज्ञानिकों को दिए शोध करने के निर्देश
भुंतर— शीत रेगिस्तान लाहुल के मशहूर हरे मटर की चमक देश में और बढ़ने वाली है। कबायली जिला की इस फसल पर अब और शोध होने जा रहे हैं। प्रदेश के नए कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय ने लाहुल के साथ कृषि विज्ञान केंद्र कुल्लू के वैज्ञानिकों को इसका जिम्मा सौंपा है। रविवार को कृषि विज्ञान केंद्र बजौरा का कृषि मंत्री ने दौरा किया और वैज्ञानिक तरीके से हो रही खेती के बारे में जारी अनुसंधानों के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर बजौरा के प्रभारी डा. केसी शर्मा और अन्य सभी वैज्ञानिकों ने उनका यहां पहुंचने पर स्वागत किया। कृषि मंत्री ने इस दौरान जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में कृषि विकास में मशीनीकरण और आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल पर चर्चा की और लोगों को इस बारे में जागरूक करने की जिम्मेदारी लेने पर कहा। लाहुल-स्पीति के कृषि विज्ञान केंद्र कुकुमसेरी के प्रभारी डा. विनोद शर्मा ने इस दौरान लाहुल-स्पीति में विभिन्न फसलों के अनुसंधान के बारे में बताया। कृषि मंत्री ने लाहुल में मटर और आलू सहित उन सभी फसलों पर किसानों को जागरूक करने को कहा, जो जनजातीय क्षेत्रों में लोगों की कमाई के साधन हैं। लाहुल-स्पीति सहित अन्य कबायली जिलों में साल में केवल छह महीने की किसानों के पास खेती के लिए होते हैं और इस अवधि में बेहतर तकनीकों के आधार पर किसान अच्छी कमाई कर सकें, इस पर अनुसंधान की जरूरत है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि सरकार ने 100 दिन का लक्ष्य तय कर लिया है, जिसके तहत कार्य करना है। उन्होंने केवीके से 50 दिन का लक्ष्य तय करने को कहा और इसकी रिपोर्ट उन्हें देने के निर्देश दिए।
फील्ड में काम करें वैज्ञानिक
बजौरा केवीके लाहुल-स्पीति और कुल्लू के अलावा मंडी के किसानों के लिए भी केंद्र बिंदु है और यहां किए जाने वाले शोध सबसे ज्यादा लाभकारी साबित होते हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों को फील्ड स्तर पर ज्यादा काम करने के निर्देश दिए। इस मौके पर वैज्ञानिकों ने बजौरा में किए जा रहे शोध पर जानकारी बांटी। इस दौरान बागबानी अनुसंधान केंद्र और पहाड़ी कृषि अनुसंधान एवं प्रसार केंद्र के वैज्ञानिक भी मौजूद रहे।
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