खाली पद भरना नई सरकार के लिए चुनौती

By: Jan 2nd, 2018 12:15 am

दस वर्षों से खाली चल रही हैं 23 हजार पोस्ट, हर साल पांच हजार कर्मचारी हो रहे रिटायर

शिमला – प्रदेश की जयराम सरकार भले ही विकास की नई इबारत लिखने के लिए 100 दिन का लक्ष्य बनाकर चल रही हो। कार्यकुशल अधिकारियों की टीम तैयार की जा रही हो, मगर प्रदेश के बड़े महकमों में खाली पड़े 23 हजार के करीब पद किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं होंगे।  हिमाचल के विभिन्न महकमों में स्वीकृत पदों की संख्या 2 लाख 80 हजार बताई गई है। इनमें से 23 हजार से भी ज्यादा पद पिछले 10 वर्षों से खाली चल रहे हैं। हालांकि सत्ता में रही सरकारें सरकारी क्षेत्र में रोजगार के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास करती रही हैं, मगर हर साल 5 हजार पद सेवानिवृत्ति के कारण ही खाली हो रहे हैं। जबकि इन पदों को भरने के लिए गंभीरता से प्रयास नहीं हुए हैं। आर्थिक दिक्कतों के चलते पुलिस, वन, लोक निर्माण, शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे बड़े महकमों में आवश्यक पद भी नहीं भरे जा सके हैं। सबसे ज्यादा पद रिक्तियां भी इन्हीं महकमों में है। पिछले मानसून सत्र के दौरान ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा में यह रिकार्ड पेश किया गया था कि अकेले स्वास्थ्य विभाग में ही सात हजार से भी ज्यादा पद रिक्तियां हैं। यही नहीं, वन विभाग में पांच हजार से भी ज्यादा मिनिस्ट्रियल स्टाफ के पद खाली हैं। रेंज अफसरों व वन अफसरों के इससे हट कर हैं। पुलिस विभाग में पुलिस जवानों समेत अधिकारियों की संख्या 14 हजार के करीब है। यह स्वीकृत संख्या काफी पुरानी है। प्रदेश की बढ़ती आबादी के अनुपात में कभी भी इसकी समीक्षा नहीं हो सकी है। यही आलम लोक निर्माण विभाग, आईपीएच, बागबानी व ऊर्जा विभाग, बिजली बोर्ड का भी है। अकेले बिजली बोर्ड में ही 4 हजार से भी ज्यादा पद खाली हैं। प्रदेश की जयराम सरकार हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास के साथ नए आयाम स्थापित करने के लिए दृढ़संकल्प दिख रही हैं। कार्यकुशल अधिकारियों की टीम बनाने के साथ-साथ मंत्रिमंडल में भी युवा व जोशीले चेहरे हैं, जिनके साथ अनुभव का भी समावेश किया गया है। मगर खाली चल रहे महकमों के मार्फत लक्षित विकास कैसे पूरा होगा, वह भी ऐसे में जब केंद्र की करोड़ों की योजनाएं प्रदेश में कुछ इसी वजह से ढुलमुल तरीके से चल रही हों। पर्यटन विभाग के साथ-साथ पर्यटन निगम में भी यही आलम बरकरार है। प्रदेश के सबसे बड़े उद्योग विभाग में भी यही परिदृश्य देखने को मिलता है। अरबों रुपए की खनन संपदा की लूट महज इसी वजह से होती है, क्योंकि पर्याप्त स्टाफ नहीं होता।

खजाना खाली …

सरकारी महकमों में पद रिक्तियां बरकरार है और खजाना खाली है। नई सरकार के लिए यह चुनौती सबसे बड़ी होगी। प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अपनी युवा टीम के साथ इस चुनौती से कैसे निपटेंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।


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