ठियोग की लाफू घाटी में फंसे रहे 47 यात्री

सूचना मिलते ही प्रशासन ने दो घंटे बाद सुरक्षित निकाले

ठियोग  — बर्फबारी के कारण ठियोग के लाफू घाटी में मंगलवार देर शाम को बसों व छोटी गाडि़यों में करीब 47 यात्री बर्फ में फंस गए, जिन्हें स्थानीय पुलिस व प्रशासन की मदद से निकाला गया और ठियोग लाकर इनके लिए भोजन व ठहरने की व्यवस्था की गई। इनमें महिलाएं व पुरुष शामिल थे, जो कि ठियोग से नारकंडा की ओर जा रहे थे, जबकि कई लोग शिमला की ओर जा रहे थे। गौर हो कि बर्फबारी में फंसे लोगों को पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो घंटों में ही सुरक्षित निकाल लिया। जब स्थानीय प्रशासन को सूचित किया गया, तब जाकर कहीं ठियोग से पुलिस का एक दल, जिसमें हैड कांस्टेबल आदर्श धीरज शुभम विजय व सुनील के अलावा कई पुलिस कर्मी व होमगार्ड के जवान शामिल थे, घटनास्थल पर पहुंचे। डीएसपी ठियोग तिलकराज शांडिल ने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और इन्हें गुरुवार सुबह घर भेजा जाएगा है। समय रहते यदि इन यात्रियों को बर्फ से न निकाला गया होता, तो कोई घटना घट सकती थी।  उन्होंने बताया कि यह घटना करीब आठ बजे की है, जिस समय तीन बसें और कुछ छोटी गाडि़यां फंस गई थीं। इसके अलावा भी करीब आधी रात तक पुलिस का एक दल विभिन्न जगहों पर नजर रखे हुए था।  ठियोग सहित आसपास के इलाकों में हुई बर्फबारी के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।  ऊपरी शिमला के लिए बसों की आवाजाही को सुचारू रूप से नहीं चलाया जा सका, जबकि ठियोग में भी सभी 32 रूटों पर बसों की आवाजाही पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाई।  ठियोग में इसके अलावा कई जगह बिजली-पानी की सप्लाई पर गहरा असर देखने को मिला है हालांकि इतनी अधिक बर्फबारी नहीं हुई, लेकिन फिर भी कई क्षेत्रों में बिजली की मेन लाइनें टूटने से बिजली की आपूर्ति ठप है। खड़ापत्थर-नारकंडा-चौपाल को गुरुवार शाम तक बड़े वाहनों के लिए तो खोल दिया गया था, लेकिन फिसलन के कारण शिमला से कम ही बसें इस रूट पर भेजी गई हैं।  ठियोग से नारकंडा तक मार्ग को पूरी तरह से सुचारू कर दिया गया, जबकि लोकल रूट की बसों को ठियोग से मतियाना तक चलाया जा रहा है   एसडीएम ठियेग मोहन दत्त ने बताया कि बर्फबारी के कारण ठियोग के लाफू घाटी में मंगलवार देर शाम को कुछ लोग गाडि़यों-बसों में फंस गए थे, जिन्हें पुलिस की मदद से ठियोग तक लाया गया।