डब्ल्यूएचओ के कैलेंडर में मंडी की गीता

बाइक पर दुर्गम इलाकों में पहुंच एमआर टीकाकरण कर छाईं हैल्थ वर्कर पहले पेज पर

मंडी— खसरा एवं रूबेला टीकाकरण के दौरान नारी सशक्तिकरण की पहचान बनीं महिला हैल्थ वर्कर गीता वर्मा को डब्ल्यूएचओ (वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन) के कैलेंडर में प्रकाशित किया गया है। गीता वर्मा ने सितंबर में चलाए गए एमआर (मिजल्स एंड रूबेला) कैंपेन के दौरान बाइक पर घूम-घूम कर दुर्गम क्षेत्रों में भी टीकाकरण सफल बनाया था। बाइक पर टीकाकरण के लिए जाती हुई गीता वर्मा की तसवीर काफी वायरल हुई थी। फीमेल हैल्थ वर्कर की काम के प्रति लगन की प्रदेश ही नहीं, देश में भी सराहना हुई थी। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए 2018 के कैलेंडर में गीता वर्मा की तसवीर प्रकाशित की गई है। खास बात यह है कि गीता वर्मा को जनवरी के पहले पेज में ही जगह मिली है और जिसमें केवल गीता की ही तसवीर लगाई है। यह पहला मौका है, जब मंडी की किसी फीमेल हैल्थ वर्कर को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कैलेंडर में जगह मिली है। गीता वर्मा के पति केके वर्मा हिमाचल पुलिस में सेवाएं दे रहे हैं और करसोग सीएचसी के तहत उनकी तैनाती सब सेंटर शंकर देहरा में है। गीता ने घूमंतु गुर्जरों के 48 बच्चों का टीकाकरण किया था। उनके साथ इस अभियान में गीता भाटिया व प्रेमलता भाटिया ने भी पूरा सहयोग दिया और दुर्गम क्षेत्रों में टीकाकरण सफल बनाया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.डीआर शर्मा का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के कैलेंडर में मंडी की फिमेल हैल्थ वर्कर की तस्वीर प्रकाशित की गई है। यह गर्व की बात है।

यह दूसरी अच्छी खबर

एक ओर जहां शहरों के सरकारी अस्पतालों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर कई मर्तबा सवालिया निशान लगते हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग में गीता जैसी जुझारू और कर्त्त्वय निष्ठ वर्कर भी हैं। जंजैहली में शिकारी देवी इत्यादि दुर्गम क्षेत्र में गीता पहुंचीं। गीता वर्मा को कैलेंडर में जगह मिलना सराज के लिए दूसरी बड़ी सुखद घटना है, क्योंकि हाल ही में सराज के विधायक के मेहनत के बूते सीएम पद तक पहुंचने के बाद अब एक महिला ने काम के जरिए अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है।