तपोवन में सरकार

By: Jan 15th, 2018 12:05 am

धौलाधार की तलहटी में स्थित धर्मशाला के तपोवन विधानसभा में विधायकों के शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए तीन विधायकों के परिजन भी सदन में पहुंचे थे। इन तीनों विधायकों ने पहली बार विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण की। इसमें यह भी रोचक था कि विधानसभा में पहली बार पिता-पुत्र ने भी शपथ ग्रहण की। इतना ही नहीं 13वीं विधानसभा सत्र में 23 नए चेहरों ने विधानसभा की सदस्यता शपथ ग्रहण की।  हिमाचल सरकार के शीत सत्र के पहले दिन शपथ समारोह में नए विधायकों में उत्सुकता भी देखने को मिली। साथ ही तीन विधायकों के परिजन भी इस पल के गवाह बने। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सदन में शपथ ग्रहण की। पिता-पुत्र के शपथ ग्रहण समारोह को देखने के लिए पूर्व सांसद एवं वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह भी वीआईपी दीर्घा में मौजूद रही। वह सदन के शुरू होने से लेकर शपथ समारोह के समापन तक वहां ही मौजूद रही। इसके अलावा पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल के पिता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी वीआईपी दीर्घा में मौजूद रहे। बैजनाथ के विधायक मुलख राज प्रेमी के शपथ ग्रहण समारोह के शरीक होने के लिए उनके पिता धर्मचंद प्रेमी भी तपोवन विधानसभा में पहुंचे थे।

पिता-पुत्र ने एक साथ ली शपथ

शीतकालीन सत्र के पहले दिन शपथ समारोह में नए विधायकों में उत्सुकता भी देखने को मिली। साथ ही तीन विधायकों के परिजन भी इस पल का गवाह बनने के लिए सदन में मौजूद रहे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सदन में शपथ ग्रहण की। यह पहला मौका था जब पिता-पुत्र ने एक साथ शपथ ली। वीरभद्र सिंह व विक्रमात्दिय के शपथ ग्रहण समारोह के मौके पर    पूर्व सांसद एवं वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह भी वीआईपी दीर्घा में मौजूद रहीं। प्रतिभा सिंह समारोह के शुरू होने से लेकर  समापन तक वहां मौजूद रहीं।

वीरभद्र सिंह रहे दूर-दूर, मार्गदर्शन किया

वर्षों तक सदन में गरजने वाले पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 13वीं विधानसभा के पहले विधानसभा सत्र में सदन के भीतर खामोश रहे। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी मुकेश अग्निहोत्री को सौंप कर मात्र कांग्रेस विधायकों का मार्गदर्शन ही किया। वीरभद्र सिंह ने पहली बार स्वयं को व्यस्तता से दूर  रखते हुए अपने परिवार सहित जिला कांगड़ा के पर्यटन व धार्मिक स्थलों का भ्रमण भी किया।

शीतकालीन सत्र के लिए तपोवन पहुंची नई सरकार का जोरदार स्वागत किया गया। सीएम जयराम ठाकुर की एक झलक पाने को लोग घंटों इंतजार करते रहे। इस बार विधानसभा पहुंचे 23 नए चेहरों ने भी सियासी माहौल को अलहदा कर दिया। नेताओं के समर्थकों का उत्साह सातवें आसमान पर दिखा। तपोवन के नए नजारे को दखल के जरिए बता रहे हैं..  पवन कुमार शर्मा, तनुज सैणी, नरेन कुमार..

इस बार सदन में 23 नए चेहरे

इस बार सदन में  23 नए चेहरे पहुंचे । इनमें रीता धीमान (इंदौरा), अर्जुन सिंह (जवाली), होशियार सिंह (देहरा), रविंद्र कुमार (जयसिंहपुर), अरुण कुमार (नगरोटा बगवां), आशीष बुटेल (पालमपुर),  मुलख राज प्रेमी (बैजनाथ), जिया लाल (भरमौर), सुंदर सिंह ठाकुर (कुल्लू), सुरेंद्र शौरी (बंजार), राकेश जम्वाल (सुंदरनगर), जवाहर ठाकुर (द्रंग), प्रकाश राणा (जोगिंद्रनगर), इंद्र सिंह (बल्ह), राजेश ठाकुर (गगरेट), सतपाल रायजादा (ऊना), जेआर कटवाल (झंडूता), सुभाष ठाकुर (बिलासपुर), राजेंद्र गर्ग (घुमारवीं), कमलेश कुमारी  (भोरंज), विक्रमादित्य (शिमला ग्रामीण), परमजीत पम्मी (दून) तथा पवन नैयर (चंबा) शामिल हैं।

तपोपन में पहले सिख विधायक

तपोवन  में इस सत्र के दौरान पहली बार सिख विधायक ने शपथ ग्रहण की। इस ऐतिहासिक पल का ताज दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी के सिर सजा। पम्मी शीतकालीन राजधानी में शपथ लेने वाले पहले सिख हैं। वर्ष 2007 से तपोवन विधानसभा परिसर में विधायक शपथ ग्रहण कर रहे हैं, लेकिन एक भी सिख विधायक जीतकर विधानसभा नहीं पहुंच पाया।  हिमाचल विधानसभा में पहली बार गेहड़वीं विधानसभा क्षेत्र से वचित्र सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। उन्होंने 1977 में जनता पार्टी से चुनाव जीता था। गेहड़वीं अब झंडूता  के नाम से जाना जाता है। 998 में भाजपा के टिकट पर नालागढ़ से हरिनारायण सिंह चुने गए। पांवटा से कांग्रेस के विधायक रतन सिंह भी सिख थे।

राजेंद्र राणा-अरुण मेहरा पर सबकी निगाहें

13वीं विधानसभा सत्र में इस बार दो विधायकों पर हर किसी की नजर रही। इसमें सुजानपुर से निर्वाचित राजेंद्र राणा और नगरोटा बगवां से चुनकर आए अरुण मेहरा सदन के भीतर तथा बाहर चर्चा का केंद्र रहे। राजेंद्र राणा सुजानपुर में भाजपा के मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषित हुए प्रो. प्रेम कुमार धूमल को हराकर विधानसभा में पहुंचे थे। इसके अलावा नगरोटा बगवां में कांग्रेस के दिग्गज नेता को हराकर विधायक चुने गए अरुण मेहरा को भी बधाइयां देते हुए विधानसभा में पहुंचे विधायकों सहित लोग भी दिखाई दिए।

निराश न लौटा कोई सबसे मिले सीएम

अपने सादगी भरे अंदाज के लिए प्रदेश भर में जाने जा रहे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलने के लिए फरियादियों को भी ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी अपने स्टाफ को हिदायत दे रखी है कि मिलने वाले फरियादियों को उनके पास आने से न रोका जाए,  जिससे कि तपोवन विधानसभा में पहुंचने वाले फरियादियों को सीएम से जरा भी निराशा नहीं मिली। प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में विधानसभा पहुंचने वाले संघ के पदाधिकारियों सहित हर सदस्य को सीधे सीएम से मिलने का मौका मिला। दर्जनों प्रतिनिधिमंडलों के सैकड़ों सदस्यों की समस्याएं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बड़े आराम से सुनते नजर आए। विधानसभा में ऐसा पहली बार ही देखने को मिल रहा है कि सैकड़ों की संख्या में एकत्रित होने वाले लोगों को सीधे सीएम चैंबर के पास पहुंचने दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, प्रतिनिधिमंडल में लोगों की संख्या अधिक होने पर मुख्यमंत्री स्वयं भी हर प्रतिनिधिमंडल की आवाज को सुनने के लिए बाहर आए।  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तपोवन विधानसभा सत्र में सरकार के पहले सत्र में सबका साथ-सबका विकास के नारे को सार्थक करने के संकेत दिए। जोरावर स्टेडियम इस बार लोगों के सीएम के इंतजार करने की वजाय पार्किंग के रूप में ही इस्तेमाल हुआ।

तपोवन में सब कुछ नया-नया

सीएम-अध्यक्ष-उपाध्यक्ष-नेता प्रतिपक्ष के चेहरों ने बदला सदन का नजारा

जयराम की झलक पाने को बेताब दिखे लोग

नेताओं के समर्थकों के उल्लास ने बदला माहौल

13वीं विधानसभा के पहले सत्र में नजारा बदला-बदला सा दिखा। जहां मुख्यमंत्री और विपक्ष नेता की कुर्सी पर वर्षों बाद नए चेहरे सदन में दिखे। सदन के नेता की कुर्सी पर जयराम ठाकुर, जबकि नेता विपक्ष की कुर्सी पर मुकेश अग्निहोत्री बैठे थे। इतना ही नहीं सदन में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष भी नए चुने गए । शीत सत्र के आरंभ होने से लेकर अंतिम दिन तक युवा जोश एवं नए चेहरों को लेकर चर्चा होती रही। नई सरकार के गठन को अभी कुछ ही समय होने के चलते सदन में इस बार सत्ता और विपक्ष के बीच ज्यादा वार्ता नहीं हो सकी, लेकिन सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान दोनों पक्षों में कुछ मुद्दों को लेकर हुई बहस ने सदन को तपा दिया। तपोवन विधानसभा में नई सरकार के गठन के 15 दिनों बाद ही शुरू हुए शीत सत्र में फरियादी भी अपनी-अपनी मांगों और समस्याआें को लेकर सरकार के पास पहुंच गए। शीत सत्र के पहले ही दिन सैकड़ों की संख्या में फरियादी विधानसभा पहुंचे। वहीं पहली बार निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे नए विधायकों के साथ भी समर्थकों की काफी तादाद पहुंची थी। अपने विधायक को शपथ ग्रहण करने के लिए देखने को पहुंचे समर्थकों की चहलकदमी भी पहले दिन काफी रही। तीन दिनों तक विधानसभा में फरियादियों का जमावड़ा नई सरकार के समक्ष अपनी मांगों तथा समस्याआें को रखने के लिए लगता रहा। हालांकि सत्र के अंतिम दिन भी फरियादी सत्र में पहुंचे, लेकिन इस दिन फरियादियों की संख्या पहले तीन दिन की अपेक्षा कम ही रही।

दोस्तों के साथ चाय की चुस्कियां

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनके मंत्रियों ने भी सादगी की नई शुरुआत करते हुए कॉमनमैन की तरह जहां टी-स्टाल पर मित्रों और कार्यक र्ताआें के साथ चाय की चुस्कियां लगाई, वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेक संघ की शाखाआें में भी तड़के पहुंचकर अपनी सक्रियता दिखाई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के धर्मशाला आगमन से लेकर वापसी तक धर्मशाला में लोगों का जमावड़ा लगा रहा। सरकार के दरबार में फरियादियों की भी लंबी कतारें सुबह से लेकर देर शाम तक लगती रहीं। विस सत्र के साथ-साथ सरकार ने धर्मशाला में कैबिनेट और विधायक दल की बैठकें करके भी कई अहम निर्णय लिए।

मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए योगदान की शुरुआत

खाली मुख्यमंत्री राहत कोष को भरने के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के आह्वान के बाद मंत्रियों व विधायकों की शुरुआत के बाद ही अन्य लोगों ने भी शुरुआत कर दी। मुख्यमंत्री राहत कोष में मंत्रियों ने इस राहत कोष में एक-एक लाख रुपए देने का ऐलान किया। इतना ही नहीं सरकार में आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह ने इसमें दो लाख  रुपए का अनुदान दिया। इसके अलावा हमीरपुर, बिलासपुर व कांगड़ा के वाईन कांट्रैक्ट्रों ने आठ लाख रुपए भेंट किए। एग्रीकल्चर बैंक ने 51 हजार रुपए दान कर प्रदेश में विकास कार्यों के लिए अपना सहयोग दिया है।

सरकार के द्वार फरियादियों की कतार

धर्मशाला के तपोवन विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इस बार अनोखा ही नजारा देखने को मिला। प्रदेश भर से दर्जनों प्रतिनिधमंडल अपने सैकड़ों सदस्यों के साथ नई सरकार और नए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के पास अपनी मांगों को लेकर पहुंचे। इनमें पूर्व सैनिक संघ हिमाचल प्रदेश ने सैकड़ों की संख्या में तपोवन में पहुंचकर सरकार के कैबिनेट में पूर्व सैनिकों को वित्तीय लाभ प्रदान करने की खुशी में जोरदार स्वागत किया। उन्होंने नई भाजपा सरकार और सीएम जयराम ठाकुर का धन्यवाद किया।

इन्होंने भरी हाजिरी

तपोवन में अपनी मांगों की गुहार लगाने के लिए हिमाचल प्रदेश प्राथमिक सहायक अध्यापक संघ, हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग महासंघ, प्रशिक्षित बेरोजगार परिचालक महासंघ, जलवाहक दैनिक वेतन भोगी संघ, सिलाई अध्यापिका एसोसिएशन, ट्रेंड नर्स एसोसिएशन, आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश सहित दर्जनों सघों सहित सैकड़ों लोग अपनी-अपनी समस्याआें को लेकर पहुंचे।

टोपियों की अलग रंगत

विधानसभा के शीत सत्र में इस बार टोपियों की भी अलग रंगत रही। सदन में इस बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बिना टोपी के सदन में कार्यवाही के लिए उपस्थित हुए, जबकि सत्ता तथा विपक्ष के विधायकों में हरी, मैरून तथा कुल्लवी रंग की टोपी सदन में दिखाई दी। इतना ही नहीं, विधानसभा सदस्य की शपथ ग्रहण समारोह के पहले ही दिन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पहली बार सदन में पहुंचे उनके बेटे विक्रमादित्य के सिर पर सजी टोपियां भी राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय रहीं। पूर्व मुख्यमंत्री अपनी चिर-परिचित हरे रंग की टोपी में सदन में पहुंचे, जबकि उनके पुत्र विक्रमादित्या सिंह मैरून रंग की टोपी में सदन में आए।

अपनी टोपी, अपना अंदाज

शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में 20 विधायक मैरून टोपी, सात विधायक हरी, जबकि छह विधायक कुल्लवी टोपी पहनकर आए थे। कुल मिलाकर सदन में टोपियों की अपनी-अपनी अलग रंगत थी।


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