ददाहू बायरी में जमी कवियों की महफिल

ददाहू, श्रीरेणुकाजी  – ऋतुराज वसंत के आगमन मां सरस्वती की वंदना के साथ सोमवार को वसंत पंचमी का पावन उत्सव हिमाचल प्रदेश सिरमौर कला संगम व भाषा एवं संस्कृति विभाग सिरमौर के तत्त्वावधान में ददाहू बायरी में आयोजित किया गया, जिसमें जिला भर से एक दर्जन से अधिक कवियों ने अपनी रचनाओं से ऋतुराज बसंत के आगमन पर वसंत का स्वागत किया। वहीं यहां पहाड़ी भाषा एवं पहाड़ी बोली के अधिक से अधिक प्रयोग, प्रचार-प्रसार पर भी बल दिया गया। ऋतुराज वसंतोत्सव पर सिरमौर कला संगम के बायरी परिसर में हवन यज्ञ तथा शिव पुराण पाठ का भी आयोजन हुआ। वहीं,ददाहू बाजार में वसंत उत्सव एवं गुरु ग्राम के संत के जन्मोत्सव पर मीठे पीली खिचड़ी का भी वितरण किया गया। जिला भाषा एवं संस्कृति अधिकारी अनिल हारटा ने बताया कि जिला स्तरीय वसंत उत्सव की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश सिरमौर कला संगम के महासचिव एवं गुरु दिनेश ताश ने की, जबकि संगम के कार्यकारी अध्यक्ष आचार्य प्रकाश राही ने मंच संचालन करते हुए कविता पाठ किया कि वीना वंदनी के वर पुत्रो आओ मिलजुल गाए हम दूर करे अज्ञान तिमिर के ज्ञान का द्वीप जलाएं हम। जिला स्तरीय कवि सम्मेलन में वसंत उत्सव पर नवोदित कवि शिव प्रकाश, कुमारी ममता ठाकुर ने स्त्री वेदना और सम्मान पर कविता पाठ किया, जबकि रामरतन शास्त्री ने ऋतुराज वसंत और प्रकृति पर रचना पढ़ी। जिला की कवयित्री शबनम शर्मा ने मेरा हिमाचल के शृंगार यहां के अद्वितीय वातावरण पर कवियों का ध्यान आकर्षित किया, जबकि काकूराम भारद्वाज रिश्वत बुरी ऐब है शीर्षक से कविता पाठ किया तथा रिश्वतखोरी पर प्रहार किया। इस दौरान सुरेंद्र सूर्या ने पहाड़ी रचना में वर्तमान में बदलती पहाड़ी संस्कृति पर व्यंज्ञय बाण छोड़े, जबकि वरिष्ठ कवि किशन सिंह गतवाल ने अपनी रचना बहुत कुछ बाकी के काव्य संग्रह से बसंत आगमन पर किस तरह सारी कायनात बदलती है पर प्रकाश डाला।