नए साल की पहली सुबह मुबारक हो…

By: Jan 1st, 2018 12:06 am

हिमाचल में गर्मजोशी से नए साल का इस्तकबाल, डीजे की धुनों पर हंसी-खुशी विदा किया 2017

शिमला — हिमाचल प्रदेश में नववर्ष का इस्तकबाल गर्मजोशी से किया गया। प्रदेश के प्रमुख स्थल सैलानियों से गुलजार रहे। हालांकि न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए प्रदेश के पर्यटक स्थलों पर काफी संख्या में सैलानी पहुंचे, मगर बीते वर्ष के मुकाबले आंकड़ा कम रहा। न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए राजधानी शिमला, धर्मशाला, मनाली, डलहौजी और कुल्लू में भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे। हालांकि इस दौरान सभी लोगों को पुरानी खट्टी-मीठी यादों को अलविदा कर नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए देखा गया, मगर नववर्ष के आगमन जश्न को युवा वर्ग खासा के्रजी दिखा। युवाओं ने डीजे की धुनों पर नववर्ष का स्वागत किया। प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों के होटल सैलानियों से पैक रहे। यहां सैलानियों के मनोरंजन के लिए विभिन्न आयोजन किए गए, वहीं लजीज हिमाचली व्यंजन भी परोसे गए, जिसका सैलानियों ने भरपूर लुत्फ उठाया, लेकिन नववर्ष पर जश्न का माहौल होटलों तक ही सीमित रहा। राजधानी शिमला की बात करें तो हर वर्ष नववर्ष के जश्न को मनाने के लिए रिज पर सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ती है, मगर इस वर्ष व्यवस्था नहीं थी, जिससे शिमला में बीते वर्ष के मुकाबले नववर्ष का जश्न फीका ही दिखा।

सात साल से नववर्ष पर नहीं हुई बर्फबारी

2010 में नववर्ष को हुआ था हिमपात; मौसम की बेरुखी से किसान-बागबान, सैलानी निराश

शिमला — हिमाचल प्रदेश में सात वर्षों से नववर्ष पर बर्फबारी नहीं हुई है। वर्ष 2010 में 31 दिसंबर को प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बर्फबारी हुई थी, मगर इसके पश्चात सात वर्षों के अंतराल में नववर्ष पर बर्फबारी नहीं हुई। प्रदेश के कई स्थानों पर दिसम्बर माह के मध्य बारिश-बर्फबारी हुई थी। ऐसे में लोग क्रिसमस व नववर्ष पर बर्फबारी की आस लगा रहे थे, लेकिन क्रिसमस व नववर्ष पर मौसम शुष्क रहने से लोग निराश हैं। खास तौर पर मौसम की बेरुखी से प्रदेश के किसान-बागबान निराश हैं। समय पर बारिश-बर्फबारी न होने से बागीचों व खेत-खलिहानों में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं।  मौसम की बेरुखी से जहां हर वर्ष उत्पादन पर असर पड़ रहा है, वहीं इससे विंटर कारोबार भी प्रभावित होने लगा है। इस विंटर सीजन में नववर्ष के दौरान प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की खासी भीड़ उमड़ी, मगर यह आंकड़ा बीते वर्ष के मुकाबले कम आंका जा रहा है, जिसके पीछे मौसम की बेरुखी को ही प्रमुख कारण माना जा रहा है। प्रदेश में क्रिसमस व नववर्ष पर बर्फबारी की हसरत को लेकर हर वर्ष काफी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं, जिससे पर्यटक कारोबार में इजाफा आता है, मगर हर वर्ग सैलानियों की संख्या घटने से विंटर सीजन कारोबार भी घटने लगा है। मौसम विभाग के निदेशक डा. मनमोहन सिंह ने बताया कि प्रदेश में नववर्ष पर वर्ष 2010 को बर्फबारी हुई थी, मगर इसके पश्चात नववर्ष पर बर्फबारी नहीं हुई।

पिछले साल से कम सैलानी

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरनाम कुकरेजा ने बताया कि न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए पर्यटक स्थलों पर सैलानी पहुंचे हैं, मगर सैलानियों का आंकड़ा बीते वर्ष के मुकाबले कम है, जिसके लिए पर्यटन कारोबार मौसम की बेरुखी को कारण मान रहे हैं।

युवा वर्ग की तादाद ज्यादा

नववर्ष पर हिमाचल के पर्यटक स्थलों पर पहुंचने वाले सैलानियों में युवा वर्ग की तादाद अधिक रही। होटल ऐसेसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार नववर्ष के लिए युवा वर्ग अधिक संख्या में पहुंचा है, जिन्होंने घंटों जश्न मनाकर लम्हों को यादगार बनाया।

तापमान में गिरावट

प्रदेश के अधिकतम व न्यूनतम तापमान में गिरावट आई है। प्रदेश के कल्पा, केलांग व मनाली का पारा माइनस में चल रहा है, वहीं अन्य क्षेत्रों के तापमान में गिरावट आई है, जिससे सुबह-शाम कंपकंपाती ठंड पड़ रही है। लोगों की वह हसरत पूरी नहीं हो पा रही है, जिसका इंतजार बेसब्री से किया जा जा रहा है।


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