पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग की हर बार अनदेखी

By: Jan 30th, 2018 12:16 am

आज तक एक इंच भी आगे नहीं सरक पाया काम, लाइन-पुलों की हालत खस्ता

जवाली – अंग्रेजों के जमाने के बने करीब 164 किलोमीटर लंबे पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग को आज तक केंद्र सरकार व रेल मंत्रालय की दरकार है। अंग्रेजों के जमाने के बने इस रेलमार्ग पर आज तक एक इंच तक आगे कार्य नहीं सरक पाया है। इस रेलमार्ग पर बने पुलों सहित रेलमार्ग की हालत जर्जर हो गई है, जिससे बरसात के दिनों में बारिश होने पर ल्हासे गिरने या पुलों के खस्ताहालत होने के कारण रेलगाडि़यों को बंद कर दिया जाता है। इससे लोगों को आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर बार इस रेलमार्ग को ब्राडगेज करने के वादे किए जाते हैं, लेकिन जब भी बजट पारित होता है, तो इस रेलमार्ग की हमेशा ही अनदेखी होती है। केंद्र में आई सरकारें इसके लिए एक-दूसरे पर छींटाकशी करने में जुट जाती हैं। अगर भाजपा सरकार सत्तासीन होगी, तो कांग्रेस सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है तथा यदि केंद्र में कांग्रेस सरकार सत्तासीन होगी, तो इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाता है। इस रेलमार्ग पर आज तक मात्र घोषणाओं के अलावा कुछ भी नहीं हो पाया है। हर बार हिमाचल की जनता की उम्मीदें रेल बजट पर टिकी होती हैं, लेकिन जब भी रेल बजट पारित होता है, तो इस रेलमार्ग का कहीं जिक्र तक नहीं होता है। इस रेलमार्ग के किनारे अंग्रेजों के जमाने के लगाए गए डंगे ही दिखाई देते हैं और अधिकतर पुल भी अभी तक अंग्रेजों के जमाने के ही बने हुए हैं। पगडंडियां भी अंग्रेजों के जमाने की ही निर्मित हैं तथा अब कहीं पर रिपेयर किया जाता है, तो वह कुछ ही दिनों के बाद दोबारा टूट कर रह जाता है। इक्का-दुक्का को छोड़कर शायद ही कोई पुल नए सिरे से बनाया गया हो। तकरीबन दो-तीन साल पहले चक्की दरिया पर बने पुल का एक पिल्लर पानी की तेज बहाव के कारण बह गया था तथा उसको बनाने में ही करीब आठ माह का समय बीत गया था। अगर ऐसे में सारा पुल धराशायी होता, तो कई सालों का समय इसके निर्माण में गुजर जाना था। वहीं बाहरी राज्यों से पर्यटक आने-जाने के लिए इस रेलमार्ग से ही आते हैं। पर्यटक हिमाचल की वादियों को निहारने के लिए रेल के माध्यम ही गुजरते हैं। इस रेलमार्ग पर आज तक मात्र कुछ बदल पाया है, तो वे स्लिपर ही बदल पाए हैं। लकड़ी के स्लिपरों को निकालकर उनके स्थान पर लोहे के स्लिपर लगाए गए हैं।

प्रदेश-केंद्र में भाजपा…तो बजट की आस

बुद्धिजीवियों ने कहा कि इस बार केंद्र में भाजपा की सरकार है तथा हिमाचल से चारों सांसद भी भाजपा के ही हैं, तो जनता को इस बार उम्मीद है कि इस बार प्रस्तुत होने वाले रेल बजट में पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलमार्ग की अनदेखी नहीं होगी। प्रदेश की जनता ने इस बार चुनावों में भाजपा को भरपूर जनसमर्थन देकर जीत दिलवाई है, तो ऐसे में जनता को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद है कि इस बार हिमाचल प्रदेश के जनाधार को देखते हुए उक्त रेलमार्ग को भी बजट मिलेगा तथा रेलमार्ग संवरेगा।


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