पर्यटन विकास को बने ठोस नीति

पालमपुर— भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश पर्यटन प्रकोष्ठ के संयोजक रविंद्र शर्मा ने प्रदेश पर्यटन प्रकोष्ठ कार्यकारिणी सदस्य विजय शर्मा, जिला संयोजक सतीश अबरोल एवं जिला मीडिया प्रभारी मनोज रतन के साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से धर्मशाला में मुलाकात की और पर्यटन विकास के लिए राज्य में ठोस नीति बनाने का आग्रह किया।  उन्होंने पर्यटन विकास के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट भी मुख्यमंत्री को सौंपा, जिसमें प्रदेश को पर्यटक राज्य घोषित करने का आग्रह किया गया है। इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि प्रदेश में पर्यटन उद्योग की अपार संभावनाएं होने के बावजूद हिमाचल में इस क्षेत्र की पूर्व सरकार ने उपेक्षा की है। आज प्रदेश में पर्यटन के नाम पर शिमला, मनाली, डलहौजी और धर्मशाला ही देश-विदेश में पहचान बना पाए हैं,  जबकि राज्य के अनेक  क्षेत्रों को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हरेक जिला में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिनमें कुल्लू व मंडी जिला में बागा सराहन, सरेउलसर झील, हाटु पीक, तानु जुवण झील,  शिकारी देवी, बरोट वैली, सिराज वैली, कमरुनाग,  जंजैहली घाटी, करसोग घाटी, चैहणी घाटी, परशुराम मंदिर, द्रोह घाटी ठियोग, कोटखाई, सरोग घाटी, हरिपुर धार एवं सिरमौर की रेणुका झील में वाटर स्पोर्ट्स को प्रोत्साहित किया जा सकता है। उन्होंने बीड़ वैली एयरोस्पेस सोसायटी के माध्यम से पैराग्लाइडिंग को महत्त्व देने, हिमानी चामुंडा को रोप-वे से जोड़ने और बड़ी झीलों जैसे पौंग, चमेरा, कोल डैम व गोविंद सागर झील  में मोटर वोट चलाने एवं हवाई यातायात बढ़ाने जैसे प्रभावशाली कदम उठाने के लिए भी ठोस  नीति बनाने का आग्रह किया।