सुंदरनगर में ‘दिव्य हिमाचल’ के इवेंट हिमाचल की आवाज का ताज पाने के लिए कांटे की टक्कर
दृष्टिहीन प्रतिभागियों ने भी जमाया रंग
‘दिव्य हिमाचल’ के मेगा इवेंट हिमाचल की आवाज के सेमीफाइनल में कुल्लू जिला से संबंध रखने वाले पंकज और खेमराज समेत दो अन्य दृष्टिहीन प्रतिभागियों ने भी अपनी सुरीली आवाज के तराने से सबको भावुक कर दिया। दृष्टिहीन चयनित किए गए प्रतिभागी महावीर पब्लिक स्कूल के सभागार में सजी मंच पर अपनी प्रस्तुति निर्णायक मंडल के समक्ष पेश करने के लिए पहुंचे तो दृष्टिहीन बच्चों को देखकर सभागार में बैठे लोग भी भावुक हो उठे।
आज कांगड़ा-चंबा-हमीरपुर के मुकाबले
हिमाचल की आवाज के सेमीफाइनल के दूसरे दिन शुक्रवार को चंबा, हमीरपुर और कांगड़ा जिला के प्र्रतिभागियों के बीच मुकाबला होगा। पालमपुर में हुए ऑडिशन के प्रतिभागी भी कांगड़ा के अन्य प्रतिभागियों के संग आज सेमीफाइनल में भाग लेंगे। सेमीफाइनल सुबह दस बजे से शुरू होंगे और हर प्रतिभागी को तीन गाने प्रस्तुत करने पडे़ंगे। जिसमें एक हिंदी नया और पुराना व एक पहाड़ी गाना प्रस्तुत करना पडे़गा। जिसमें स्थाई और एक अंतरा ही गाना होगा।
निर्णायक बोले, कमाल हैं हिमाचली प्रतिभाएं
हिमाचल की आवाज के सेमीफाइनल में प्रतिभाओं को परखने के लिए प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक धीरज शर्मा कांगड़ा से सुदरनगर पहुंचे हैं। उनके साथ संगीत के प्राध्यापक व उत्तर भारत के इकलौते सरोद वादक दीपक गौतम और संगीत अध्यापक श्रवण कुमार ने ‘दिव्य हिमाचल’ के मंच पर प्रतिभाओं की परख की। इस अवसर पर तीनों जजेस ने कहा कि हिमाचली प्रतिभाएं कमाल हैं। इनमें इतनी प्रतिभा छिपी है, जिसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। बस इन्हें निखारने और मंच देकर आगे लाने की जरूरत है। इस काम को बखूबी ‘दिव्य हिमाचल’ करने में लगा हुआ है।
धीरज की आवाज गूंजी
हिमाचल की आवाज के सेमीफाइनल में जजमेंट के लिए आए लोक गायक धीरज शर्मा को दर्शकों की मांग पर मंच पर भी आना पड़ा। उन्होंने दर्शकों की मांग पर एक खूबसूरत नगीना पेश किया। उन्होंने एक के बाद एक बेहतरीन गाने गाए।
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