पावर प्रोजेक्ट आबंटन होगा सरल

सरकार राहत देने की तैयारी में, एक ही नीति से हांके जा रहे बड़े-छोटे प्रोजेक्ट

शिमला— हिमाचल प्रदेश में बिजली प्रोजेक्टों के आबंटन की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। वर्तमान में कम क्षमता के प्रोजेक्टों के लिए भी वही नीति है, जो कि अधिक क्षमता के प्रोजेक्टों के लिए है। ऐसे में एक समान नीति के चलते यहां पर छोटे प्रोजेक्टों का भी निर्माण नहीं हो पा रहा है। इन परिस्थितियों से छोटे निवेशकों को निजात दिलाने के लिए सरकार आने वाले दिनों में कदम उठाएगी। जानकारी के अनुसार सरकार ने इस मामले को लेकर अधिकारियों की एक कमेटी का नए सिरे से गठन करने को कहा है। यह कमेटी प्रधान सचिव ऊर्जा के अधीन होगी, जिसमें बिजली क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को रखा जाएगा। इतना ही नहीं पूर्व सरकार ने जो कमेटी बनाई थी,उसकी जगह पर यह नई कमेटी होगी और इसमें संबंधित विभागों जिसमें  राजस्व, पर्यावरण व अन्यों के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। यह कमेटी नए सिरे से अपने सुझाव देगी। निजी कंपनियों को प्रोजेक्ट आबंटन का मामला काफी उलझा हुआ है क्योंकि पर्यावरण मंत्रालय से इनको मंजूरियां नहीं मिल पा रही हैं। 400 से ज्यादा छोटे व बड़े प्रोेजेक्ट दिल्ली में मंजूरी के लिए रुके हुए हैं, जिनको कई साल हो चुके हैं।  यहां राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट आबंटन के लिए सिंगल विंडो सिस्टम की बात कही थी, लेकिन उससे भी ऊर्जा उत्पादकों को राहत नहीं मिल पाई है। अभी भी पंचायत स्तर पर निवेशकों को परेशानी उठानी पड़ रही है। ऐसे में अब नई सरकार यहां पर नियमों को सरल बनाकर ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ाने की कोशिश करेगी। जल्दी ही कमेटी के सुझाव सरकार को आएंगे जिन्हें कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।  इस संबंध में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने अधिकारियों से चर्चा की है, वहीं हिमालयन पावर प्रोड्यूसर एसोसिएशन ने भी उनसे कुछ ऐसे मसलों को उठाया है। प्रदेश में बिजली परियोजनाओं से अपफ्रंट प्रीमियम की राशि को भी सरकार पूर्व में कम कर चुकी है । बावजूद इसके यहां पर उत्पादक निवेश में अब दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।