प्रो. झारटा को छोड़ना होगा चयन आयोग

By: Jan 23rd, 2018 12:15 am

हमीरपुर से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में करेंगे वापसी, कार्यकारिणी परिषद ने रद्द की एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी लीव

शिमला — हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के अध्यक्ष प्रो. मोहन झारटा को आयोग का अध्यक्ष पद छोड़ कर अब हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में वापसी करनी होगी। एचपीयू ने प्रो. झारटा की एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी लीव (ईओएल) रद्द कर दी है। सोमवार को विश्वविद्यालय में प्रो. मोहन झारटा को वापस विश्वविद्यालय बुलाने के लिए कार्यकारिणी परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई गई। वर्ष 2018 की यह पहली बैठक विवि प्रशासन ने बुलाई। विवि कुलपति प्रो. राजिंद्र सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में समाज शास्त्र विभाग के आचार्य और वर्तमान में प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष डा. मोहन झारटा की ईओएल रद्द करने का निर्णय लिया गया। कार्यकारिणी परिषद इसके पीछे की वजह समाज शास्त्र विभाग में पिछले कई समय से कोई अध्यापक न होना बताया है। कार्यकारिणी परिषद ने प्रो. झारटा को जल्द से जल्द विभाग में नियुक्ति देने के निर्देश दिए हैं। प्रो. झारटा को 11 जनवरी, 2017 में प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। अब इस पद से सरकार ने सीधे तौर पर नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय को माध्यम बनाकर पद से हटाया है। प्रो. झारटा को हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवाएं बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति देने के लिए विवि प्रशासन ने इन्हें ईओएल मंजूर की थी। छह वर्ष के लिए उन्हें यह मंजूर की गई थी, लेकिन अब एक वर्ष बाद ही इसे रद्द करने का निर्णय विवि कार्यकारिणी परिषद ने लिया है। प्रो. झारटा विवि के समाज शास्त्र विभाग में प्रोफेसर होने के साथ ही विवि कुलसचिव पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वहीं एचपीयू कार्यकारिणी परिषद की बैठक में फैसला लिया गया कि विवि मनोविज्ञान विभाग में नियुक्त सहायक आचार्य को समाचार पत्रों के माध्यम से विशेष नोटिस जारी किए जाएंगे। विवि ने मनोविज्ञान विभाग में सहायक आचार्य पद पर एक नियुक्ति की थी, लेकिन विभाग में नियुक्ति देने के बाद प्रोफेसर बिना बताए ही विवि से चली गईं और विभाग में वापसी नहीं की। वहीं विवि ने दो कोर्सों के नाम बदल दिए हैं, इसके लिए ईसी ने मंजूरी दी है।  विवि के वोकेशनल स्टडीज संस्थान के एमटीए कोर्स का नाम एमटीटीए और बीटीए कोर्स का नाम बीटीटीएम कर दिया जाएगा। बीटीए के पांच वर्षीय इंटीग्रेटिड कोर्स के छात्रों को एन्वायरनमेंट कोर्स विषय पढ़ाए जाने और अर्थशास्त्र विभाग में एमए करने वाले विदेशी छात्रों को इंडियन इकॉनोमी के स्थान डेजेर्टेशन पढ़ाए जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। बैठक में डीडी शर्मा, विशेष सचिव वित्त, नरेश ठाकुर संयुक्त सचिव उच्चतर शिक्षा, डा. अमर देव, कुलवंत पठानिया, एसके महाजन, डा. विद्यासागर नेगी, डा. कमल कांत व राजकुमारी मौजूद रहे।

जेबी नड्डा की छुट्टियां मंजूर

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के भाई व एचपीयू प्रबंधन स्कूल एमबीए के वरिष्ठ आचार्य डा. जेबी नड्डा की विश्वविद्यालय अनुदान आयोग सीईसी के निदेशक पद पर नियुक्ति के लिए उन्हें प्रतिनियुक्ति पर भेजने को बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई। इसके लिए उन्हें विवि से अवकाश भी ईसी में मंजूर किया है। अब वह विवि से अवकाश पर यूजीसी के  सीईसी के निदेशक पद पर नियुक्ति दे सकेंगे। बैठक में एसएफआई और एबीवीपी द्वारा ज्ञापन के माध्यम से जो भी मांगें कार्यकारिणी परिषद के समक्ष उठाई थीं, उन पर भी चर्चा की गई।


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