बल्क ड्रग पार्क के लिए चुनी गई जमीन नाकाफी

By: Jan 20th, 2018 12:01 am

बीबीएन— औद्योगिक कस्बे नालागढ़ में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार ने कदमताल तेज कर दी है। इसी कड़ी में दवा निर्माताओं सहित विभिन्न विभागों ने बल्क ड्रग को प्रोत्साहन देने के लिए विचार-विमर्श किया। इस दौरान विशेषज्ञों ने बल्क ड्रग पार्क की जरूरत और इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा अब तक किए क्रियाकलापों का उल्लेख किया गया, वहीं नालागढ़ के पास चयनित भूमि पार्क के लिए नाकाफी बताई। इसके अलावा बल्क ड्रग पार्क से होने वाले प्रदूषण व इसके नियंत्रण सहित अन्य पहलुओं पर भी इस दौरान अलग-अलग सत्रों में विस्तार से चर्चा हुई। प्रदेश सरकार की पहल पर केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय के औषधि विभाग, औद्योगिक संगठन फिक्की और हिमाचल ड्रग मैन्यूफेक्चरिंग एसोसिएशन के संयुक्त तत्त्वावधान में एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। समारोह को केंद्रीय उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय के औषधि विभाग के अधिकारी के वर्मा, प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के मुख्य सलाहकार श्रीनिवास लंका, एचडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार बीआर सिकरी, कार्यकारी अध्यक्ष डा. राजेश गुप्ता, बल्क ड्रग मैन्यूफेक्चरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष वीवी रेड्डी, फार्माक्सिल के वाइस चेयरमैन दिनेश दुआ, सीडीएससीओ के कंट्रोलर बीके सामंतरे व बीबीएनडीए मुख्य कार्यकारी केसी चमन ने संबोधित किया। हिमाचल दवा उद्योग निर्माता संघ के प्रदेश कार्यकारी प्रधान डा. राजेश गुप्ता ने कहा कि बल्क ड्रग पार्क से मौजूदा समय में हिमाचल में स्थापित 703 फार्मुलेशन यूनिट्स को संबल मिलेगा व नए फार्मा उद्योगों के आने की संभावनाएं प्रबल होंगी। इस दौरान वक्ताओं ने बताया कि भारत दवाओं का बड़ा बाजार बनता जा रहा है, न केवल घरेलू स्तर पर बल्कि निर्यात के मामले में भारत का दुनिया में प्रमुख स्थान है, बल्कि जेनेरिक दवाओं के निर्यात के मामले में भी दुनिया में उसका प्रमुख स्थान है, लेकिन दवाओं के निर्माण में काम आने वाले रॉ मैटीरियल एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट्स (एपीआई) के मामले में यह उतना आगे नहीं बढ़ सका है, एपीआई के लिए दवा उद्योगों को चीन सहित अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। सेमिनार में बीबीएनडीए के सीईओ केसी चमन, डिप्टी सीईओ राजीव कुमार, उद्योग संयुक्त निदेशक रमेश चंद वर्मा, दवा निर्माता संघ के वरिष्ठ सलाहकार बीआर सिकड़ी, कार्यकारी अध्यक्ष डा. राजेश गुप्ता, राहुल बंसल, बीबीएनआईए प्रधान शैलेष अग्रवाल, ड्रग इंस्पेक्टर गरिमा शर्मा, लघु उद्योग भारती के प्रदेशाध्यक्ष डा. विक्रम बिंदल, बद्दी चैप्टर के महासचिव आलोक सिंह, महेश कुमार, अशोक राणा, फार्मा विंग के प्रदेश चेयरमैन सतीश सिंगला अतुल गोहरावत, विवेक सिंह, श्रीचंद्रा, सुरजीत अरोड़ा, मनोज जैन, परमजीत अरोड़ा सहित लगभग 100 सदस्य मौजूद थे।

निवेश-रोजगार भी बढ़ेगा

औद्योगिक सेमिनार में बोले विशेषज्ञ प्रदूषण के नियंत्रण पर भी हुई चर्चा हिमाचल के दवा उद्योग भी बल्क ड्रग्स के लिए चीन सहित अन्य देशों पर ही निर्भर हैं। एशिया की 35 फीसदी दवा उत्पादन करने वाले इस प्रदेश के दवा उद्योग ज्यादातर बल्क ड्रग्स विदेशों से आयात कर रहे हैं। ऐसे में अगर प्रदेश में ही बल्क ड्रग्स सुलभ हों तो यहां के फार्मा उद्योगों को बड़ी राहत मिलेगी, इससे जहां निवेश बढ़ेगा, वहीं रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। बल्क ड्रग उद्योगों के आने से दवा उद्योगों को प्रदेश में टिके रहने की वाजिब वजह भी मिल जाएगी। उद्योग निदेशक राजेश शर्मा ने बताया कि नालागढ़ के नजदीक किरपालपुर व मंझोली पंचायत में 663 बीघा भूमि इसके लिए फाइनल कर ली गई है। सदस्यों ने भारत सरकार से बल्क ड्रग पालिसी की घोषणा का अनुरोध किया।


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