बीबीएमबी से बिजली मिलने में अभी वक्त

By: Jan 16th, 2018 12:15 am

शिमला – बीबीएमबी से हिमाचली हिस्से की बिजली हासिल करने को अभी समय लगेगा। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना होगा, जिसके बाद केंद्र सरकार के निर्देशों पर ही प्रदेश को हिस्सा मिल सकेगा। 1966 से 2011 के बीच की हिस्सेदारी हिमाचल मांग रहा है, लेकिन उसे नहीं मिल सकी है। पंजाब पुनर्गठन के बाद से हिमाचल को 7.19 फीसदी की हिस्सेदारी चाहिए। प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने कैबिनेट बैठक में इस हिस्सेदारी के मुद्दे पर चर्चा की और फैसला लिया कि वह बीबीएमबी से बिजली मांगेगा। हिमाचल चाहता है कि या तो उसे पैसा दिया जाए या बिजली की हिस्सेदारी, जिसका विकल्प यहां मौजूद है। सोमवार को बीबीएमबी के चेयरमैन डीके शर्मा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से सचिवालय में मुलाकात की, जहां मुख्यमंत्री ने उनसे प्रदेश के हिस्से का मुद्दा उठाया। प्रदेश को 7.19 फीसदी की हिस्सेदारी के तहत बकाया लगभग 4200 करोड़ रुपए का हिस्सा चाहिए या फिर इसकी जगह 13 हजार 66 मिलियन यूनिट बिजली बीबीएमबी दे। हिमाचल को 27 सितंबर, 2011 से उपरोक्त दर पर बिजली की हिस्सेदारी मिलनी शुरू हो चुकी है, परंतु इससे पहले की हिस्सेदारी नहीं मिली। 2011 में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही बीबीएमबी ने बिजली देनी शुरू की थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीबीएमबी के चेयरमैन से हिमाचली हितों के अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की। बीबीएमबी के डैहर पावर हाउस से प्रदेश से बिजली मांगी है। अभी अन्य पावर हाउसों से प्रदेश को बिजली मिल रही है, जिससे यहां ट्रांसमिशन लॉस होते हैं, वहीं प्रदेश का ट्रांसमिशन का खर्चा भी अधिक आ रहा है। इस पर डीके शर्मा ने जल्द प्रदेश को राहत देने की बात कही है।

अब दिल्ली में जल्द होगी बात

राज्य में भी अब भाजपा की सरकार है और केंद्र में भी भाजपा की सरकार है। ऐसे में बीबीएमबी की तय हिस्सेदारी और बकाया देनदारी चुकता होने की प्रदेश को उम्मीद बंधी है। जल्दी ही इस संबंध में दिल्ली में भी बात होगी, परंतु इसके साथ सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी देखना होगा। पंजाब व हरियाणा जैसे सहयोगी राज्य इस मामले को लेकर अदालत की शरण में हैं। पुनर्गठन के बाद हिमाचल को उसका पूरा हिस्सा नहीं मिलने का मामला लंबे समय से लटका हुआ है।


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