भाजपा चार्जशीट पर जांच की तैयारी

By: Jan 4th, 2018 12:15 am

सरकार विजिलेंस को जल्द सौंपेगी आरोपपत्र, कांग्रेस सरकार पर घोटालों के आरोप

शिमला— राज्य सरकार पूर्व कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा की चार्जशीट पर जांच की तैयारी में है। सरकार जल्द ही इसे विजिलेंस को जांच के लिए सौंपेगी। विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ चार्जशीट तैयार की थी। जानकारों के अनुसार इसे लेकर सरकार में मंथन हो रहा है और जल्द ही इसे जांच एजेंसी विजिलेंस को सौंप दिया जाएगा। भाजपा ने एक साल पहले यह चार्जशीट राज्यपाल को सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि राज्य में प्रदेश में माफिया राज है,  क्योंकि कांग्रेस सरकार में वन, खनन, ड्रग, भू, शराब और तबादला माफिया लगातार हावी रहा। वहीं भाजपा का आरोप है कि पूर्व सरकार ने पावर सेक्टर में भी घोटाला किया है। चार्जशीट में किन्नौर के 960 मेगावाट वाले जंगी-थोपन-पोवारी पावर प्रोजेक्ट में ब्रेकल कंपनी पर लगाया गया जुर्माना न लेना और अपफ्रंट मनी वापसी का मामला है। इसके अलावा 100 मेगावाट सोरंग हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को कांग्रेस सरकार की कैबिनेट द्वारा 20 करोड़ अपफ्रंट राशि लिए बिना बेचने की स्वीकृति देने का भी मामला इसमे शामिल है। यही नहीं, बिजली के मीटरों के बदलने में भी धांधली के आरोप हैं।

भर्तियों में नियमों का उल्लंघन

पूर्व कांग्रेस सरकार पर भर्तियों में अनियमितताओं के गंभीर आरोप चार्जशीट में हैं। राज्य सहकारी बैंक भर्तियों में बैंक प्रबंधन और सीएम आफिस और सुरक्षा में तैनात कई लोगों ने अपने करीबियों को भर्ती करवाया। प्रमुख कर्मचारियों, कांग्रेस के बड़े नेताओं के रिश्तेदारों के करीबियों को आपराधिक षड्यंत्र, हेराफेरी, जालसाजी से भर्ती किया गया। केसीसीबी भर्ती में भी धांधली के आरोप लगे हैं। चार्जशीट में पुलिस भर्तियों में भी धांधली के आरोप हैं। इसके अलावा एचआरटीसी में कंडक्टर एवं अन्य कर्मचारियों की भर्तियों में नियमों के उल्लंघन के भी आरोप  लगाए गए थे।

बोर्डों-निगमों में घपला

परिवहन निगम में बस खरीद मामले में घोटाले के आरोप हैं। इनमें 800 बसों की खरीद पर सवाल उठाए गए। ये बसें वर्ष 2013-14 में भारत सरकार से प्राप्त राशि जो 300 करोड़ के लगभग है के तहत खरीदी गईं, पर बसों की बॉडी पहाड़ी क्षेत्रों के हिसाब से नहीं है। ऊना डिपो में टायर घोटाले, बसों के वैट लीजिंग के नाम पर घोटाले और बस अड्डों के निर्माण में भी घोटाले के हैं। खाद्य आपूर्ति निगम के माध्यम से खरीदी जा रही वर्दियों पर भी घोटाले का दाग है। दाल, चीनी खरीद में भी अनियमितिताओं के आरोप हैं। नमक-गंदम पिसाई में घपले की बू है।

विपणन बोर्ड : प्रदेश विपणन बोर्ड में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। आरोप है कि गलत तरीके से तैनाती कर किसानों से जुड़े इस बोर्ड में भाई-भतीजावाद, भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया। चार्जशीट में शिमला में सौंदर्यीकरण के काम में भी धांधली के आरोप हैं। भाजपा का आरोप रहा है कि टाउन हॉल में रिहेबिलीटेशन के स्थान पर मामूली बदलाव का कार्य किया जा रहा है।

शराब : भाजपा ने अपनी चार्जशीट में शराब आबंटन में भी घोटाले के आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि आबकारी विभाग ने सरकार खजाने को अरबों रुपए की चपत लगाकर बिचौलियों को करोड़ों रुपए का फायदा पहुंचाया। इसके अलावा बॉटलिंग प्लांट आबंटन में भी घोटाले के आरोप लगाए गए।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड : प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  के दफ्तरों के लिए करोडों के फर्नीचर खरीद में भी धांधली के आरोप हैं। हिमाचल वन निगम और श्रमिक कल्याण बोर्ड में भी धांधली के आरोप इस चार्जशीट में लगाए गए थे।

ये विभाग निशाने पर

पीडब्ल्यूडी : चार्जशीट में वीरभद्र सरकार के कई मंत्रियों को लेपेटा गया है। पीडब्ल्यूडी, शिक्षा विभाग के साथ-साथ स्वास्थ्य, राजस्व, आईपीएच, ऊर्जा, बागबानी आदि विभागों  में धांधली के आरोप हैं। भाजपा का आरोप है कि ठेकेदार लोक निर्माण विभाग को चलाते रहे हैं। वीरभद्र सिंह के पूर्व विधानसभा क्षेत्र में चेहतों को काम पहले और टेंडर बाद में देने के आरोप हैं। सड़क निर्माण में घोटाले के आरोप हैं।

शिक्षा : शिक्षा विभाग के तहत एक निजी कंपनी से बिना जांच परख के सीरामिक्स लिखने वाले बोर्ड की आपूर्ति हुई। चार्जशीट में आईपीएच पेयजल योजनाओं के संचालन एवं रखरखाव में घोटाले के आरोप हैं।

आईपीएच : आईपीएच में जनवरी, 2013 से जुलाई 2016 तक 1053 पेयजल योजनाओं के संचालन व रखरखाव के काम को पूरी तरह से ठेकेदारों को सौंपा गया था। चार्जशीट में टैंको की सफाई में भी घोटाले के आरोप लगाए हैं। सफाई के लिए 20 करोड खर्च किए, लेकिन सभी स्कीमों के बने टैंको की सफाई नहीं करवाए गई। सरकाघाट मंडल में पाइपों के गबन व बिलासपुर में पाइप घोटाले का भी जिक्र है।

स्वास्थ्य : भाजपा ने चार्जशीट में स्वास्थ्य विभाग पर धांधलियों के आरोप लगाए हैं। आईजीएमसी और टीएमसी सहित कई अस्पतालों में टेस्टिंग का काम ठेके पर दिया गया, जबकि यहां करोड़ों की मशीनें लगी हुई हैं। अस्पतालों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम देने में भी अनियमितताओं के आरोप हैं। ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई घोटाले सहित विभाग के अधिकारियों ने दवा कंपनियों से मिलीभगत की।

वन : वन विभाग के तारादेवी, चंबा के एहलमी बीट में पेड़ कटान और कुछ जगह फर्जी पौधारोपण के आरोप लगाए गए हैं।


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