मकलोडगंज में कौन आएगा लाठियां खाने

बौद्ध नगरी में न्यू ईयर पर सैलानियों से बदसलूकी ने खड़े किए सवाल, पर्यटन का बेड़ा गर्क करने पर तुला सिस्टम

मकलोडगंज— देश-विदेश में बौद्ध नगरी के नाम से मशहूर पर्यटन नगरी मकलोडगंज में न्यू ईयर सेलिब्रेशन को हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन धर्मशाला में पर्यटकों को न्यू ईयर सेलिबे्रट करने में मात्र लाठियां मिलती है। ऐसे में शहर के बुद्धिजीवी वर्ग ने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि ऐसे कैसे विकसित होगा धर्मशाला में पर्यटन? उन्होंने रोष प्रकट करते हुए कहा कि बाहरी राज्यों पर्यटक हिमाचल पहुंच रहे हैं तो पुलिस को ऐसा व्यवहार करने की क्या अवश्यकता पड़ गई कि एकदम लाठियां बरसानी पड़ीं। बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि ये सभी चीजें हिमाचल सहित धर्मशाला में पर्यटन को पतन की ओर ले जाने की तैयारियां हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन के लिए प्रकृति की देन के अलावा जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग क्या कर रहा है। ऐसी कौन सी सुविधा प्रदान कर रहा है, जिससे कि पर्यटक धर्मशाला पहुंचे। बुद्धिजीवी वर्ग ने कहा कि जो एलीट क्लास है, वह गाडि़यों में मात्र दलाईलामा टैंपल तक पहुंचती हैं और वहीं से ही वापस हो जाते हैं। धर्मशाला में न्यू ईयर सेलिब्रेट करने मात्र पंजाब व जम्मू से पर्यटक पहुंच रहा है, लेकिन वह दिन दूर नहीं जब धर्मशाला की पहचान मात्र लाठियों के लिए बन जाएगी। बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि हिल्स क्वीन शिमला, मनाली सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पर्यटन विभाग कार्यक्रम आयोजित करता है। पर्यटकों के लिए कार्यक्रम आयोजित करता है, इसके साथ ही स्थानीय कलाकारों को भी अपनी प्रस्तुतियां देने का मौका देते हैं। इससे पहाड़ी कल्चर की प्रोमोशन होने के साथ-साथ एक पहचान भी मिलेगी। शिमला में पर्यटन विभाग रिज पर डीजे का आयोजन करता है, इसी तरह मनाली में भी करता है तो धर्मशाला में ऐसी क्या कमी है, जहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग कार्यक्रम नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस का पर्यटकों पर लाठियां चलाना बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने पुलिस की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस ने न्यू ईयर सेलिब्रेशन में वेबजह पर्यटकों के साथ मारपीट कर उन्हें परेशान किया है। कारोबारी वर्ग का कहना है कि पुलिस ने इस तरह लाठीचार्ज किया है, जैसे भीड़ बेकाबू है और तोड़फोड़ पर उतर आई है। इस घटना पर कारोबारी वर्ग ने रोष जताया है।