मनचलों को सिखाया सबक

रकुल प्रीत की पहली ही फिल्म ‘यारियां’ ने 100 करोड़ का बिजनेस किया था, मगर एक सफल फिल्म देने के बाद उन्होंने दक्षिण का रुख कर लिया। साउथ में तकरीबन 15 फिल्में करने के बाद, आजकल वह चर्चा में हैं अपनी नई फिल्म ‘अय्यारी’ के लिए। उन्होंने कहा कि बहुत सारे मुद्दे हैं, जिन पर हमें बात करनी चाहिए। मैं दक्षिण में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की ब्रैंड ऐंबेसडर हूं। मुझे लगता है, जो सबसे बड़ा मुद्दा है, वह है औरतों के साथ होने वाले अपराध का और उसमें भी जो सबसे अहम है, वो है महिलाओं के साथ होने वाले बलात्कार। हम साक्षारता की बात करते हैं, मगर किसी को शिक्षित करने की प्रक्रिया तो पूरे दस साल बाद पूरी होती है। नन्हीं बच्चियों से लेकर बड़ी औरतों के साथ बलात्कार की जो दारुण घटनाएं होती हैं। अपने पर हुए मनचलों के हमलों पर उन्होंने कहा कि एक बार मैं और मेरे दोस्त नैनीताल गए थे और एक दुकान से हम स्वेटर खरीद रहे थे और उन्हें ट्राइ कर रहे थे। तभी हमने देखा कि एक लड़का मेरी तस्वीरें खींचे जा रहा था। मुझे बहुत गुस्सा आया। मैं उसके पास गई, मैंने उसके हाथ से कैमरा छीना और उसे कस के थप्पड़ मार दिया। उसने पलट कर मुझे एक पंच मारा और वहां से भागने लगा। मैंने भी पलटकर उस पत्थर मार दिया था।