मिट्टी से भरे सड़कों के जख्म

संधोल — विकास के मूलभूत ढांचे से बाहर जिला के कोने पर बसे  इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के कई आंदोलन कर चुके लोगों के बीच आठ जनवरी को क्षेत्र के मंत्री मौजूद होंगे, ऐसे में यहां तैयारियां भी खूब चल रही हैं। दशक भर से टूटी सड़कों पर दो दिन से मिट्टी के पैबंद लग रहे हैं। रविवार छुट्टी के बावजूद सारा प्रशासन दिन भर अपने कार्यालयों को चाकचौबंद करते दिखे। अरसे बाद सड़कों के खड्डों को मिट्टी से भरा गया। मंत्री के दौरे से अब विकास से क्षुब्द लोगों को आस बंधी है कि अब क्षेत्र को विकास के पंख लगेंगे। कालेज भवन का निर्माण कार्य युद्धस्तर होगा। पिछले कई दिनों से ठप्प पड़े बस अड्डे के निर्माण भी पूरा होगा जो इन्होंने ही शुरू करवाया था, लेकिन पांच वर्ष पूर्व सरकार ने इसकी सुध नही ली। बिना डाक्टर के चले सिविल अस्पताल में भी हालात सुधरने की उम्मीद बंध गई है। 20 हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र की दर्जन भर सड़कों के पक्का होने की भी उम्मीद है, जो दो दशकों से अपने पक्का होने का इंतजार कर रही हैं। सबसे महत्त्वपूर्ण मंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट खुड्डी सोहर सड़क व इसके साथ बनने वाली पार्किंग के साथ-साथ इसके पक्का होने की उम्मीद बंध गई है। इसके अलावा सवा करोड़ रुपए से बन रही लसराणा पेयजल योजना सात महीने पहले पूरी होनी थी, के पूरे होने की उम्मीद जगी है। सबसे महत्त्वपूर्ण यहां की दो दशक पहले लाखों रुपए से बनी सिंचाई योजना को दोबारा चालू करने के लिए खुद मंत्री जी पहल करेंगे। जिला के दूसरे बल्ह से पहचान रखने वाले संधोल के किसानों को बेहद फायदा मिलेगा। काबिलेगौर रहे कि अरसे भर से ठप पड़े विकास कार्य से क्षुब्ध यहां के लोग आंदोलन कर चुके हैं। जबकि भाजपा ने भी तहसील कल्याण कार्यालय के यहां से बदलने पर आंदोलन किया था। इन्हीं कच्ची सड़कों और शिथिल पड़ चुके विकास से परेशान लोगों ने चुनावों में बहिष्कार करने का फैसला लिया था। परिणामस्वरूप यहां 72 प्रतिशत से महज 26 प्रतिशत तक सिमट गया था। वहीं सड़क व यातायात से परेशान बांह, शेड, कंद्रोह व चतरोन के लिए बूथ में एक ही मत पड़ा था। उम्मीद ये भी की जा रही है कि आम चुनावों से पूर्व इन कार्यों को रफ्तार मिलेगी, ताकि अब बहिष्कार समिति को भविष्य में इस ओर कोई कदम न उठाना पड़े।