मिड-डे मील वर्करों ने लगाए जोरदार नारे

शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर कर्मचारियों ने दिया धरना, केंद्र सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

शिमला – लंबे समय से मांगों पर गौर न होते देख बुधवार को देश भर में मिड-डे मील व आंगनबाड़ी वर्करों ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। देशव्यापी हड़ताल का असर प्रदेश में भी देखने को मिला। प्रदेश भर के हर जिला मुख्यालय के बाहर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया। इसी के तहत शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर दर्जनों कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आंगनबाड़ी व मिड-डे मील वर्करों का आरोप है कि सत्ता में आने से पहले केंद्र की भाजपा सरकार ने वर्करों से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद मिड-डे मील व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में बढ़ोतरी की जाएगी तो वहीं वर्करों को नियमितीकरण की पालिसी भी लाई जाएगी। वर्करों का आरोप है कि केंद्र में भाजपा सरकार को आए हुए चार साल हो चुके हैं, लेकिन बावजूद इसके अभी तक आंगनबाड़ी व मिड-डे मील वर्करों के बारे में कुछ नहीं सोचा गया है। मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष हिमी देवी ने मांग उठाई है कि केंद्र सरकार मिड-डे मील योजना को ठेकेदारों व एनजीओ को देने का फैसला बदले। इसके साथ ही वर्करों को न्यूनतम वेतन 6300 रुपए प्रदान किया जाए। आंगनबाड़ी व मिड-डे मील वर्करों ने मांग उठाई है कि 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करें। प्रदर्शन के माध्यम से वर्करों ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि यदि समय रहते आंगनबाड़ी व मिड-डे मील वर्करों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले समय में देशव्यापी उग्र आंदोलन किया जाएगा और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती हैं।