रहयावणा-बजीउण को मांगी बस सुविधा

अर्की – उपमंडल के तहत आने वाली आधा दर्जन पंचायतों के लोगों ने सरकारी बस सेवा शुरू किए जाने की मांग की है। ग्रामीणों को कई किलोमीटर जंगल का रास्ता तय करके अर्की पहुंचना पड़ता है। अर्की उपमंडल के तहत पड़ने वाले गांव रहयावणा, बजीउण, धारब्राहमणा, पंजपिपलू, खडयाली, धारजहा, बटेड, धैंणा, भझोलू, कांगुघाटी, रीजेरी, झुंडला, टिक्कर, सिमल्टा, जघून व चौरटू के ग्रामीणों को बीते लंबे समय से बस सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उपरोक्त गांव के लिए सुबह सात बजे के बाद कोई भी बस सुविधा नहीं है जिसकी वजह से ग्रामीणों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बस सेवा न होने के कारण ग्रामीण 10 से 12 किलोमीटर जंगल के रास्ते से पैदल चलने को मजबूर हैं। विशेष रूप से स्कूल जाने वाले छात्र व महिलाओं को काफी अधिक दिक्कतें आ रही हैं। इन ग्रामीण क्षेत्रों से स्कूली छात्राएं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भूमती में कई किलोमीटर का सफर तय करके पहुंचती हैं, जिसकी वजह से अभिभावकों को काफी चिंता व भय बना रहता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बस चलाने के लिए प्रस्ताव बना कर सरकार व परिवहन विभाग को दिया गया है। जिसके माध्यम से मांग की गई है कि जल्द बस सेवा शुरू की जाए। हालांकि परिवहन विभाग ने अर्की से वाया भूमती, धैंणा होते हुए चौरटू तक बस सेवा शुरू किए जाने की अधिसूचना जारी की थी, लेकिन चुनाव आचार संहिता लगने की वजह से यह अधिसूचना सरकारी फाइलों में दफन हो गई।  आचार संहिता समाप्त हो चुकी है व प्रदेश में नई सरकार का भी गठन हो गया है, लेकिन अभी तक जारी की गई अधिसूचना के अनुसार क्षेत्र में बस सेवा शुरू नहीं हो पाई है। महिला मंडल प्रधान शहरोल लीला शर्मा का कहना है कि सरकार व परिवहन विभाग ग्रामीणों की समस्या को गंभीरता से ले तथा अतिशीघ्र बस सेवा शुरू की जाए।