लोहड़ी अपने पन का त्योहार

लोहड़ी खुशहाली का संदेश लेकर आती है। नए साल का यह पहला त्योहार लोगों के दिलों को खुशियों से भर देता है।  बच्चों को लोहड़ी का बड़ी बेसब्री से इतंजार होता है। बच्चे लोहड़ी से एक हफ्ता पहले ही लोहड़ी के गाने गाना शुरू कर देते हैं।  अधिकतर पंजाब में लोग लोहड़ी मनाते हैं। हर साल लोहड़ी  जनवरी में होती है। जब पंजाब के खेतों में काफी गेहूं भरा होता है। लोहड़ी अकसर बाहर मनाई जाती है। बाहर लोग एक साथ मिलकर अलाव के पास शाम को बैठते हैं। लोहड़ी के दिन बच्चे गाना गाते हुए एक घर से दूसरे घर जाते हैं। बच्चे दूल्हा भट्टी के गाने गाते हैं। दूल्हा भट्टी एक चोर था जो गरीब लोगों की मदद करता था और उनके अधिकारों के लिए लड़ता था। यह गाना गाने वाले बच्चों को लोगों से मिठाई मिलती है और कभी-कभी उनको पैसे भी मिलते हैं। जो सब कुछ बच्चों को मिलता है उसको लोहड़ी कहते हैं और यह सब कुछ  लोहड़ी की रात बांटा जाता है। रात को मूंगफली और फुलियां आग में फेंकी जाती है। लोहड़ी में लोग अग्नि की पूजा करते हैं। और इसके अलावा आग में प्रसाद भी डालते हैं। प्रसाद पांच चीजों से बना होता है मूंगफली, फुलियां, गजक, तिल और गुड़। पंजाबी लोग  लोहड़ी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। घर पर लोग  रंगीन कपड़े पहनते हैं और नाचते हैं । लोग भांगड़ा और गिद्दा भी डालते हैं।