सीनियोरिटी में जुड़े अनुबंध काल

अनुबंध नियमित अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने बुलंद की आवाज

शिमला – हिमाचल अनुबंध नियमित अध्यापक संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि प्रदेश में अनुबंध से नियमित हुए हजारों अध्यापकों व कर्मचारियों को उनके अनुबंध सेवाकाल का पद वरिष्ठता लाभ दिया जाए। इन अध्यापकों व कर्मचारियों को तीन वर्ष अनुबंध पर सेवा करने के बाद नियमित किया गया है। सभी अध्यापक व कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का पद वरिष्ठता लाभ न मिलने पर अपने से कनिष्ठ अध्यापकों व कर्मचारियों से जूनियर बनने को मजबूर किया जा रहा है।  शिक्षकों का कहना है कि किसी भी विभाग में रिक्त पदों पर यदि भर्ती की जाती है तो उसमें भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार एक निर्धारित संख्या में भर्ती, कमीशन व बैचवाइज के माध्यम से पद भरे जाते हैं। शिक्षकों का आरोप है कि शिक्षा विभाग में पदोन्नति से भरे पदों पर अध्यापकों व कर्मचारियों को तय वरिष्ठता लाभ दिया जा रहा है, लेकिन सीधी भर्ती से भरे अनुबंध पदों पर अध्यापकों व कर्मचारियों को उनके सात, छह, पांच और तीन वर्ष बाद नियमित होने पर ही वरिष्ठता सूची में शामिल किया जा रहा है। अनुबंध शिक्षकों ने सरकार को वादा याद दिलाते हुए कहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी ने अनुबंध से नियमित अध्यापकों व कर्मचारियों को उनके अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता लाभ देने का भरोसा दिया था और अनुबंध से नियमित अध्यापकों व कर्मचारियों ने भी चुनाव में भाजपा को समर्थन दिया था। संघ के सदस्यों ने सरकार से मांग उठाई है कि अनुबंध सेवाकाल के पद का वरिष्ठता लाभ देने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को कर्मचारियों के हित में जल्द लागू किया जाए।