हिमाचल की गोंपा झांकी में खामियां

गणतंत्र दिवस  के लिए दिल्ली में राजपथ पर रिहर्सल में दिए सुधार के निर्देश

शिमला – दिल्ली के राजपथ पर मंगलवार को गोंपा झांकी की झलक दिखाई गई। देश के पद्रंह राज्यों के साथ प्रदेश के लाहुल-स्पीति जिला की गोंपा झांकी को भी रिहर्सल में शामिल किया गया। दिल्ली के राजपथ पर रिहर्सल के लिए दिखाई गई गोंपा झांकी में कुछ खामियां पाई गईं, जिसे 26 जनवरी से पहले दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश भाषा संस्कृति विभाग के अनुसार अब 26 जनवरी को पंद्रह राज्यों के साथ हिमाचल की संस्कृति को भी झांकी के माध्यम से दर्शाया जाएगा। राजपथ पर जब प्रदेश की गोंपा झांकी उतारी गई, तो लोगों ने उसे खूब पंसद किया, वहीं काफी सराहना भी की। इस दौरान राजपथ पर लोगों का काफी हुजूम गोंपा झांकी देखने के लिए उमड़ा रहा। हर कोई गोंपा के इस मॉडल के बारे में जानने में इच्छुक था। झांकी का स्वरूप दिल्ली के कारीगरों द्वारा ही तैयार किया गया है, वहीं हिमाचल से गए कारीगरों ने भी इसे बनाने में सहयोग दिया है। बता दें कि दिसंबर में भारत सरकार की ओर से हिमाचल से गोंपा झांकी का राष्ट्र स्तरीय गणतंत्र दिवस के लिए चयन किया गया था। भाषा कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से दो झांकियों के मॉडल प्रदेश की ओर से रक्षा मंत्रालय को सौंपे गए थे। इसमें एक झांकी हिमाचल के नृत्य की थी और दूसरा मॉडल गोंपा का था। गोंपा लाहुल-स्पीति में काजा से 12 किलोमीटर की दूरी पर है। इस मठ की स्थापना 13वीं शताब्दी में हुई थी। यह स्पीति क्षेत्र का सबसे बड़ा मठ है। यह मठ समुद्र तल से 13504 फीट की ऊंचाई पर एक चट्टान पर निर्मित है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इसे रिंगछेन संगपो ने बनवाया था। यह मठ महायान बौद्ध के जेलूपा संप्रदाय से संबंधित है।