हिमाचल से बैरियर को बाय-बाय!

By: Jan 25th, 2018 12:15 am

जीएसटी, ई-वे बिल के बाद टैक्स संबंधित सभी कार्य होंगे ऑनलाइन

धर्मशाला — प्रदेश में अब बैरियर का महत्व समाप्त हो जाएगा। बहु-उद्देश्यीय नाकों पर कटने वाले अधिकतर टैक्स अब ऑनलाइन ही वसूले जाएंगे। राज्य में वसूले जाने वाले तीन तरह के लोकल टैक्स को भी ऑनलाइन करने की कवायद चल रही है। जानकारी के अनुसार सूबे में करीब दो दर्जन से अधिक बैरियर काम कर रहे हैं, जिनमें दर्जनों अधिकारी एवं कर्मचारी काम कर रहे हैं। अब सारे सिस्टम के ऑनलाइन होने के  चलते व्यवस्थाओं में भी बड़ा बदलाव आएगा। राज्य के मल्टीपर्पज बैरियरों पर कटने वाले टैक्स भी ऑनलाइन होने जा रहे हैं। जीएसटी व ई-वे बिल आने के बाद वैट व एंट्री टैक्स का काम पूरी तरह से समाप्त हो गया है। अब बैरियरों पर मात्र एजीटी, सीजीसीआर और पीजीटी लोकल टैक्स ही वसूले जा रहे हैं। ऐसे में सामान बिक्री करने वालों को जीएसटी की साइट पर डेक्लेरेशन करना पड़ेगा, जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि सामान कहां से आया और कहां गया। इससे न तो टैक्स चोरी हो पाएगी और न ही व्यापारी सामान को छुपा पाएंगे। 50 हजार से अधिक का सामान पहली फरवरी से एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजने और पहली जून से राज्य के भीतर भी यह नियम अनिवार्य रूप से लागू हो जाएगा। केंद्र सरकार ने 16 जनवरी से ई-वे बिल को ट्रायल पर शुरू कर दिया है, जिसे फरवरी में एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले सामान पर अनिवार्य रूप से लागू करना पड़ेगा। हिमाचल के कांगड़ा, चंबा, ऊना, शिमला, सोलन, बद्दी और सिरमौर में लगाए गए बहु-उद्देश्यीय जाचं नाकों पर वैट व एंट्री टैक्स समाप्त होने के बाद मौजूदा समय में मात्र पैसेंजर एंड गुड्स टैक्स, एडिशनल गुड्स टैक्स और सरटेन गुड्स कैरिड थ्रू रोड टैक्स भरे जा रहे हैं। इन्हें भी ऑनलाइन किया जा रहा है। इससे आने वाले दिनों में मल्टीपर्पज बैरियर का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इस तरह बैरियर पर भरे जाने फार्म आने वाले दिनों में नहीं भरने पड़ेंगे, बल्कि रसोई गैस और कैरोसिन सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं के अलावा प्रत्येक चीज की ऑनलाइन डेक्लेरेशन करनी पड़ेगी। केंद्र ने टैक्स चोरी व कालाबाजारी रोकने के लिए प्रत्येक वस्तु, दुकान व ट्रांसपोर्टर तक को ई-वे बिल के दायरे में लाने की योजना बनाई है।

सारी व्यवस्था हाइटेक

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कारोबार में पारदर्शिता लाने के लिए सारी व्यवस्था को ऑनलाइन किया जा रहा है। पहली फरवरी से एक राज्य से दूसरे राज्य में और पहली जून से राज्य के भीतर भी ई-वे बिल प्रणाली लागू हो जाएगी।

 


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