अफसरों पर अभी नहीं चलेगा केस

पुलिस लॉकअप हत्या प्रकरण में सरकार ने आब्जेक्शन लगाकर सीबीआई को लौटाई फाइल

शिमला  – बहुचर्चित कोटखाई छात्रा गैंगरेप-मर्डर प्रकरण से जुड़े लॉकअप हत्या मामले में पुलिस अफसरों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी नहीं मिल पाई है। सीबीआई ने काफी समय पहले सरकार ने अफसरों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मागी थी लेकिन सरकार ने इस पर आब्जेशन लगाकर सीबीआई को फाइल वापस लौटा दी है। इससे इस केस के आगे चलाने में सीबीआई को दिक्कतें आ सकती हैं। सूरज हत्याकांड में सीबीआई ने आईजी सहित तीन अफसरों के खिलाफ अभी भी अभियोजन की मंजूरी नहीं मिल पाई है। पुलिस लॉकअप में सूरज की हत्या को लेकर सीबीआई ने आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी सहित आठ पुलिस कर्मियों को 29 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। यही नहीं, जांच एजेंसी इस मामले सभी आठ लोगों के खिलाफ चालान भी पेश कर चुकी है, लेकिन पुलिस अफसरों के खिलाफ अभी भी अभियोजन की मंजूरी मिलना बाकी है। सीबीआई ने लंबे समय पहले इनके खिलाफ अभियोजन मंजूरी सरकार से मांगी थी, हालांकि बीते दिसंबर माह में इनमें से पांच पुलिस कर्मियों के अभियोजन की मंजूरी मिल गई थी। इनमें एएसआई दीपचंद, तीन हैड कांस्टेबल सूरत सिंह, मोहन लाल, रसिक मोहम्मद और कांस्टेबल रंजीत शामिल है,लेकिन आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी और सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह की अभियोजन की अनुमति अभी नहीं मिली है। यह मामला काफी समय से सरकार के पास लंबित था। अब गृह विभाग ने सीबीआई की फाइल पर आब्जेशन लगाकर आईजी डीएसपी, सब-इंस्पेक्टर की अभियोजन मंजूरी नहीं दी। सूत्रों के अनुसार गृह विभाग ने तकनीकी व अन्य कारणों का हवाला देते हुए यह फाइल सीबीआई को लौटा दी है। ऐसे में अब सीबीआई द्वारा इन आपत्तियों को दूर करने के बाद सरकार अब इस पर दोबारा विचार करेगी और सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही इन अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने का रास्ता साफ हो पाएगा। जानकारों की मानें तो इसमें अभी और वक्त लगने की संभावना है। इससे सीबीआई को केस चलाने में मुश्किलें आ सकती हैं। उल्लेखनीय है कि कोटखाई छात्रा-गैंगरेप मामले में पुलिस के विशेष जांच दल द्वारा गिरफ्तार छह आरोपियों में से एक सूरज की कोटखाई थाना में बीते 19 जुलाई को हत्या की गई थी। सीबीआई जांच में पाया गया है कि पुलिस की पूछताछ के दौरान ही आरोपी सूरज की मौत हुई।