अस्पताल ही उपलब्ध करवाए खून
दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा को ज्ञापन सौंप मांगी राहत
शिमला – मरीजों को 100 प्रतिशत रक्त उपलब्ध करवाना अस्पताल की जिम्मेदारी हो। मरीजों से बदले में रक्त की मांग करने पर रोक लगाई जाए। यह मांग स्वैच्छिक रक्तदान के क्षेत्र में देश के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन ऑफ इंडियन ब्लड डोनर्ज आर्गेनाइजेशंस ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को एक ज्ञापन सौंप कर की है। संस्था ने देश में ब्लड बैंकिंग व्यवस्था में बुनियादी बदलाव करने की मांग की, इस पर केंद्रीय मंत्री ने जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है। संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव की अगवाई में महासचिव विश्वरूप विश्वास और कोषाध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने दिल्ली में जेपी नड्डा के साथ एक बैठक में मांग की है कि स्वैच्छिक रक्तदान से जुड़े सभी कार्यों और राष्ट्रीय रक्त नीति को लागू करने की निगरानी के लिए केंद्र में एक स्वायत्तशासी राष्ट्रीय ब्लड ट्रांसफ्यूजन अथॉरिटी का गठन किया जाए। इसी तरह प्रत्येक राज्य में राज्य स्तरीय ऑथोरिटी बनाई जाए। ज्ञापन में कहा गया है देश भर में मरीजों को संपूर्ण रक्त चढ़ाने की प्रथा को रोका जाए और उसकी जगह रक्त के जरूरी तत्त्व जैसे प्लाज्मा, प्लेटलेट्स और लाल रक्त कण देने को बढ़ावा दिया जाए। इससे एक यूनिट रक्त कम से कम चार मरीजों के काम आ सकेगा। ऐसा करने से ब्लड बैंकों में खून की कमी की समस्या से निपटा जा सकेगा। सभी ब्लड बैंकों में 2437 रक्तसंग्रह और उसे मरीजों को दिए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने मांग की कि देश के सभी ब्लड बैंकों में रक्त और उससे जुड़े उत्पादों के लिए शुल्क संबंधी नीति तैयार की जाए। अभी अनेक ब्लड बैंक मनमाने शुल्क वसूल करते हैं। ब्लड बैंकों में रक्तसंग्रह और उसे दूसरे ब्लड बैंक में भेजने के संबंध में दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए।
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