आवक बढ़ने से प्याज सस्ता

बजट से पहले जनता को राहत, दो दिन में एक-चौथाई गिरे दाम

नई दिल्ली— पहली फरवरी को देश का आम बजट पेश होने वाला है। इससे पहले ही आम लोगों के लिए एक खुशखबरी आ गई है। बीते दो दिनों में प्रमुख मंडियों में प्याज की आवक बढ़ने से इसकी कीमतें गिरकर करीब एक चौथाई रह गईं। दरअसल प्याज का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) बहुत अधिक होने से निर्यात की संभावनाएं कमजोर हैं, जिससे घरेलू बाजार में आवक बढ़ रही है। बजट से पहले जनताप्याज की बेंचमार्क मंडी लासलगांव में प्याज की मॉडल कीमत 21.50 रुपए से घटकर 6.50 रुपए प्रति किलोग्राम रह गई। मंगलवार को महाराष्ट्र की सभी कृषि विपणन समितियां मथाडी द्वारा मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर राज्यस्तरीय बंद के चलते बंद थी। लासलगांव में बीते दो माह के दौरान पहली बार प्याज के दाम 25 रुपए प्रति किलोग्राम से नीचे आए हैं और पहली  नवंबर, 2017 से तीसरी बार ऐसा हुआ है। पिछले सप्ताह गुरुवार को प्याज की आवक पिछले सप्ताह सोमवार के 1600 टन के मुकाबले अचानक बढ़कर 1800 टन हो गई। मंडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा प्याज के दाम मंडी में इसकी आवक बढ़ने से घटे हैं। प्याज किसानों ने मौजूदा ऊंची कीमतों का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह नहीं पकी फसल की भी खुदाई शुरू कर दी थी। इस प्रकार मंडियों में आने वाली नमी वाले प्याज को इसके खराब होने के डर की वजह से तुरंत बेचे जाने की जरूरत है। प्याज उत्पादक दो प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात से नई फसल की पैदावार मंडियों में आने लगी है। ऐसे में आगे भी प्याज की कीमतों में गिरावट आने की संभावना है। थोक बाजारों में प्याज के दाम गिरने का असर अगले एक सप्ताह में उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता पर दिख सकता है। दाम बढ़ने से उपभोक्ताओं ने प्याज का दैनिक उपयोग 50 से 60 फीसदी घटा दिया है। कुछ सप्ताह में प्याज की खुदरा कीमतें 20 रुपए प्रति किग्रा के किफायती स्तर पर आने पर उपभोक्ता फिर से अपनी खपत बढ़ा सकते हैं। बागबानी निर्यातक संघ के अध्यक्ष अजीत शाह ने कहा इस सीजन में प्याज के दाम ऊंचे बने रहे क्योंकि पिछले सीजन में प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बाढ़ और पछेती खरीफ सत्र की फसल कमजोर रहने से इसकी उपलब्धता कम थी।