आवारा कुत्तों ने 1710 को गढ़ाए दांत

सोलन  – जिला भर में आवारा कुत्तों व जानवरों का आतंक  काफी अधिक है। बीते एक वर्ष में 1932 मामले जानवरों द्वारा काटे जाने के सामने आए हैं, जिसमें सबसे अधिक कुत्तों के काटने के मामले शामिल हैं। जानकारी के अनुसार बीते एक वर्ष के दौरान 106 लोगोें को बंदरों ने अपना शिकार बनाया है। इसी प्रकार कुत्ते के काटे जाने के 1710 मामले सामने आ चुके हैं। इतना ही नहीं बीते वर्ष सोलन व आसपास के क्षेत्रों में घूम रही आवारा बिल्लियों के काटने में भी बढ़ोतरी हुई है। बताया जा रहा है कि बीते वर्ष सोलन क्षेत्रीय अस्पताल में बिल्लियों के काटने के 35 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही सोलन में बने निजी अस्पताल में आवारा कुत्तों के काटने के मामले में बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते अब लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर सताने लग गया है। जानकारी के अनुसार सोलन शहर में करीबन 250 से भी अधिक आवारा कुत्ते हैं और लगभग इतने ही बंदर सोलन के आसपास के क्षेत्रों में दिनभर घूमते हुए नजर आते हैं। नगर परिषद इन आवारा कुत्तों व बंदरों के लिए बीते कई वर्षों से कोई भी कारगर नीति नहीं बना पाई है, हालांकि नगर परिषद समय-समय पर आवारा कुत्तों को पकड़ कर अन्य किसी जगह पर छोड़ देती है। बावजूद इसके शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इसके साथ बंदरों की संख्या को कम करने के लिए भी नसबंदी की जाती है, बावजूद इसके बंदरों की संख्या में भी ईजाफा हुआ है। नगर परिषद क े द्वारा की जा रही कार्रवाई भी अब सवालों के निशाने पर आने लगी है। आवारा कुत्ते सबसे अधिक छोटे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं। यही हाल सोलन में सभी पार्कों का है। बंदर पार्कों में आए लोगों के हाथ से सामान छीनने का प्रयास करते हैं व क ई बार उन्हें काट भी देते हैं। अब आलम यह है कि लोगों को अपने बच्चों को अकेले भेजने में भी डर लगने लगा है। नगर परिषद अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने बताया कि शहर व आसपास के क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नगर परिषद व पशुपालन विभाग जल्द ही नसबंदी करने जा रहा है, जिससे की शहर में लोगोें को आवरा कुत्तों व बंदरों से निजात मिलेगी।