इलेक्ट्रिक कैब से : सफर सुहाना

कांगड़ा जिला में एचआरटीसी के आठ वाहन देंगे सेवाएं

 धर्मशाला— पिछले लंबे समय से हिमाचल पथ परिवहन निगम के बेडे़ में शामिल इलेक्ट्रिक कैब सरकार की मंजूरी के लिए  बस डिपो में खड़ी धूल फांक रही थी। प्रदेश की राजधानी से इस इलेक्ट्रिक कैब को हरी झंडी दिखा यात्रियों की सुविधा के लिए शुरू मुख्यमंत्री ने रवाना कर दिया, जिसके बाद जिला कांगड़ा में आठ इलेक्ट्रिक कैब की सुविधा अब यात्रियों को मिलना आरंभ हो जाएगी। पहाड़ी राज्य हिमाचल में दिल्ली-चंडीगढ़ की तरह पेट्रोल, डीजल की बढ़ती खपत और प्रदूषण से बचाव को इलेक्ट्रिक वैन चलाने की योजना पूर्व सरकार द्वारा बनाई गई थी, जिसके चलते करीब 50 इलेक्ट्रिक कैब एचआरटीसी के बेड़े में शामिल की गई थीं। धर्मशाला बस डिपो के तहत चार इलेक्ट्रिक कैब विभिन्न रूटों पर चलेंगी। यह वाहन बैटरी से चलेगा, जिससे कोई प्रदूषण नहीं होगा और इस वाहन की कीमत 10 लाख के करीब है। एक बार चार्ज करने में यह वाहन करीब 90 किलोमीटर का सफर तय कर पाएगा। हालांकि यह गाडि़यां चढ़ाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक बैटरी ग्रहण करती हैं, लेकिन उतराई में स्वयं चार्ज भी होने शुरू हो जाती हैं। इस कैब की स्पीड 60 किलोमीटर प्रति घंटा है। उधर, निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक धर्मशाला पंकज चड्डा ने बताया कि धर्मशाला डिपो को चार इलेक्ट्रिक कैब मिली हैं। इनके रूट तैयार कर दिए हैं तथा जल्द ही कैब को रूट पर चलाया जाएगा।

इन रूटों पर चलेंगी इलेक्ट्रिक वैन

धर्मशाला बस डिपो को मिली चार इलेक्ट्रिक कैब को धर्मशाला से मकलोडगंज, भागसूनाग,  खनियारा तथा कांगड़ा से टांडा के लिए चलाया जाएगा। इसके अलावा नगरोटा बगवां बस डिपो के तहत मिली एक इलेक्ट्रिक कैब को 53 मील से टांडा रूट पर चलाया जाएगा। पालमपुर बस डिपो के तहत इन इलेक्ट्रिक कैब को चलाने के लिए अभी रूट निर्धारित किए जा रहे हैं।