एमएस का पद खाली

शिमला— शिमला स्थित प्रदेश का  एकमात्र शिशु अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी का पद चार महीने से खाली पड़ा है। स्वास्थ्य विभाग कहे या फिर इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज के प्रशासन की लेटलतीफी, मगर अभी तक एमएस के पद को भरने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे है। उधर जानकारी के अनुसार एमएस के पद को भरने के लिए अभी तक कालेज प्रशासन की और से स्वास्थ्य विभाग तक भी मांग नहीं की गई है। प्रदेश में एक मातृ एवं शिशु अस्पताल होने की वजह से यहां पर प्रदेश भर से गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए पहुंचती है। वहीं नवजात शिशुओं को दिखाने के लिए भी माताएं अस्पताल में पहुंचती है। इस तरह से ऐसे तमाम रूटीन के काम है जो केवल एमएस ही करता है, लेकिन एमएस का पद खाली होने की वजह से अस्पताल के गायनी वार्ड के एचओडी बिशन धीमान के पास डबल चार्ज है। बिशन धीमान इन दिनों न केवल अपने विभाग को देखते है चार महीने से एमएस के सारे कार्य जैसे वार्डो का निरिक्षण करना, ओेटी में जाना, जरूरी फाइलों को निपटाना, एमबीबीएस के छात्रों की कक्षाएं लेना,व अस्पताल की पूरी जिम्मेदारी को अकेले ही संभालना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी व केएनएच में पहले से ही चिकित्सकों के पद खाली पड़े हुए है। वहीं चिकित्सकों की कमी के चलते डाक्टर दिन रात ड्यूटिया दे रहे है ऐसे में अब सबसे अहम  पद भी खाली पड़ा हुआ है। इससे अस्पताल के कार्यो व मरीजों को संभालना मुश्किल हो रहा है।

अस्पताल के रुके कई कार्य

चार महीने से एमएस का पद खाली होने की वजह से अस्पताल के कई विकास कार्य रुके पड़े है। अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए नई योजनाएं नहीं बनाई जा रही है। उधर मरीज असुविधाओं से जुझ रहे है, कालेज प्रशासन गहरी नींद में सोया है। एमएस के पद को भरने को लेकर कोई कवायद नहीं की जा रही है।

एचओडी का रद्द हुआ अवकाश

कमला नेहरू अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी का पद खाली होने की वजह से वर्तमान में एचओडी का पद संभाल रहे बिशन धीमान का 30 दिन का शीतकालिन अवकाश भी रद्द् हो गया है। आईजीएमसी की और से शीतकालिन अवकाश को लेकर बनाई गई लिस्ट में धीमान का नाम दूसरे चरण की लीस्ट में दिया गया था। 29 जनवरी से दूसरे चरण का शीतकालिन अवकाश शुरू हो चुका है लेकिन प्रिंसीपल की और से उनके अवकाश को रद्द कर दिया गया है।