केंद्र से टाइगर प्रोजेक्ट लाने में हिमाचल ढीला

By: Feb 11th, 2018 12:16 am

डेढ़ वर्ष पहले मंजूरी को भेजी फाइल अब तक मंजूर नहीं, अधिकारी भी नहीं ले रहे हैं फीडबैक

शिमला— हिमाचल केंद्र से बहुचर्चित टाइगर प्रोजेक्ट मंजूर करवाने में सफल नहीं हो सका है। करीबन डेढ़ वर्ष पहले यह प्रोजेक्ट स्वीकृति के लिए भेजा था। केंद्रीय एजेंसियां ऐसे प्रोजेक्ट्स के लिए करोड़ों रुपए की सहायता देती हैं, मगर हिमाचल में जिस तरह से वाइल्ड लाइफ विंग में अधिकारियों का बदलाव होता है, उसे लेकर ऐसे महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट लटक जाते हैं। चर्चा यह भी है कि अधिकारी ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स का ठीक से फॉलोअप ही नहीं कर पाते। नतीजतन पश्चिमी हिमालय की बेहद परिपक्व व महत्त्वपूर्ण वाइल्ड लाइफ से लबालब हिमाचल को इसका लाभ ही नहीं मिल पाता। प्रदेश के सिरमौर के सिंबलवाड़ा में टाइगर हैबिटेट होने की पुष्टि काफी पहले हो चुकी है। टाइगर हिमाचल के पांवटा व आसपास के क्षेत्रों में यमुना का एक भाग सूखते ही देहरादून के राजाजी नेशनल पार्क व हरियाणा के कलेसर से होता हुआ हिमाचल के सिंबलवाड़ा में घूमता देखा गया है। यही वजह रही कि तीनों राज्यों के वाइल्ड लाइफ प्रमुखों की बैठक करीबन डेढ़ वर्ष पहले इसी मकसद से की गई थी, ताकि यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ सके। इसके बाद हिमाचल द्वारा इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई, जिसे मंजूरी के लिए केंद्र को भेजा गया था, मगर गंभीरता न बरतने के चलते यह प्रोजेक्ट फाइलों में ही दफन है। सिंबलवाड़ा सेंक्चुरी नेशनल पार्क के तौर पर नोटिफाई हो चुकी है, लिहाजा अब यह दिक्कत भी नहीं है कि यह प्रोजेक्ट सिरे न चढ़ पाए। दूसरे टाइगर के लिए इस क्षेत्र में आहार की भी कमी नहीं है। बड़ी संख्या में यहां शाकाहारी वन्य जीव मिलते हैं। सिंबलवाड़ा के आसपास ऐसा कोई बड़ा रिहायशी इलाका भी नहीं है, जो इस प्रोजेक्ट के स्थापन में कोई दिक्कतें खड़ी कर सके। थोड़े-बहुत गुर्जर जो यहां आवाजाही करते हैं, उन्हें भी नियंत्रित किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट के स्थापन से हिमाचल को जो सबसे बड़ा लाभ मिलेगा, वह होगा पर्यटन के क्षेत्र में। सिरमौर अपने फॉसिल पार्क के साथ-साथ लॉयन सफारी के लिए भी पूरे देश में प्रसिद्ध रहा है। विगत में सजातीय प्रजनन के कारण यह सफारी जरूर विवादित रही, मगर अब ऐसी दिक्कतें नहीं हैं। जानकारों की राय में यदि हिमाचल इस बारे में गंभीरता से कदम उठाए तो प्रदेश के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।


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